नयी दिल्ली : राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे लोगों के जीवन में ‘सकारात्मक’ बदलाव लाने के लिए अगले ‘चार साल’ ‘समर्पित’ करने का आह्वान किया. मोदी ने कहा कि 2022 में हमारी आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं. हमारी ‘आजादी’ के लिए अपनी ‘जान गंवा’ देने वालों के ‘सपनों’ और ‘परिकल्पना’ को ‘साकार’ करने के लिए आइये हम अगले चार साल ‘समर्पित’ होकर काम करें.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आपसे आपके दिल के करीब के ‘मुद्दों’ पर ध्यान देने, स्थानीय ‘समुदायों’ को एकजुट करने और आपके आसपास के लोगों के जीवन में ‘सकारात्मक’ बदलाव लाने के लिए काम करने का आग्रह करता हूं. यह स्वतंत्रता सेनानियों को हमारी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी और ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण में मदद मिलेगी.
शिक्षक दिवस के मौके पर मोदी ने एक संदेश में कहा कि समाज को आकार देने में शिक्षकों की भूमिका बहुत अहम होती है. उन्होंने कहा कि यह ‘सौभाग्य’ के साथ-साथ ‘जिम्मेदारी’ की बात है और मैं खुश हूं कि हमारे ‘शिक्षक’ पूरे ‘समर्पण’ के साथ अपने कर्तव्य का ‘निर्वहन’ कर रहे हैं.
इस साल राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित 45 शिक्षकों से बातचीत में मोदी ने दिवंगत राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के एक संदेश को याद किया, जिसमें वह कहा करते थे कि ‘शिक्षण बहुत ही महान पेशा है’, जो किसी व्यक्ति के ‘चरित्र’, ‘क्षमता’ और ‘भविष्य’ को ‘दिशा’ देता है.