22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शिवसेना ने की भाजपा की तीखी आलोचना, कहा – देश ‘बनाना रिपब्लिक” की ओर अग्रसर

मुंबई : शिवसेना नेरुपये की गिरती कीमत और ईंधन की कीमत सर्वाधिक होने पर अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा की तीखी आलोचना की और कहा कि देश ‘बनाना रिपब्लिक’ बनने की राह पर है. पार्टी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश […]

मुंबई : शिवसेना नेरुपये की गिरती कीमत और ईंधन की कीमत सर्वाधिक होने पर अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा की तीखी आलोचना की और कहा कि देश ‘बनाना रिपब्लिक’ बनने की राह पर है.

पार्टी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था के तबाह होने की तोहमत कांग्रेस पर लगा रहे हैं और यह भूल रहे हैं कि पिछले चार वर्ष से वह सत्ता में हैं. शिवसेना ने कहा, पेट्रोल, डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. पेट्रोल शीघ्र ही 100रुपये पर पहुंच जायेगा. बड़ी संख्या में बेरोजगार युवक सड़कों पर उतरेंगे और अराजकता फैलायेंगे. किसान खुश नहीं हैं. खाद्य पदार्थों, रसोई गैस और सीएनजी की कीमतों में वृद्धि हुई है. नये निवेशों में गिरावट आयी है.

पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, देश की तस्वीर दिल दहलानेवाली है और हम ‘बनाना रिपब्लिक’ बनने की राह पर चल रहे हैं. राजनीतिक शास्त्र में ‘बनाना रिपब्लिक’ राजनीतिक रूप से अस्थिर देश को कहते हैं जिसकी अर्थव्यवस्था कुछेक उत्पादों मसलन केला, खणिज इत्यादि के निर्यात पर टिकी होती है. संपादकीय में कहा गया है कि अगररुपये की कीमत इसी तरह गिरती रही तो यह जल्दी ही 100रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार कर जायेगा. संपादकीय में कहा गया है जब भाजपा विपक्ष में थी तो कहा करती थी किरुपये की कीमत गिरने से देश की साख भी गिरती है. पार्टी ने तंज किया, अब अगर रुपया 100रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के नजदीक पहुंच रहा है तो क्या यह कहा जा सकता है कि हमारे देश की छवि सुधर रही है?

इसने विश्वबैंक की एक हालिया रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा ऐसे वक्त में जब भारतीय मुद्रा ‘मृत्यु शैया पर है’ ऐसे में यह दावा करना ‘हास्यास्पद’ है कि देश विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. संपादकीय में कहा गया कि नीति आयोग देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने का आरोप डूबे कर्ज वसूलने के लिए उठाये गये कदमों के लिए आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन पर मढ़ रहा है, लेकिनरुपये की कीमत उससे बहुत नीचे पहुंच गयी है जो राजन के कार्यकाल के दौरान थी. शिवसेना ने दावा किया है कि राजन ने सरकार के नोटबंदी के निर्णय का विरोध किया था. वह इसके प्रचार प्रचार के लिए हजारों करोड़रुपये खर्च करने पर केंद्र के खिलाफ थे.

इसमें आगे कहा गया, ‘यह विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लक्षण नहीं हैं. देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के लिए कांग्रेस और रघुराम राजन को जिम्मेदार ठहराना एक मजाक है. हमें बताइये कि आपने क्या किया? लेकिन, सरकार के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें