मुंबई : बंबई हाईकोर्ट में मंगलवार को एक जनहित याचिका दाखिल की गयी, जिसमें माओवादियों से कथित जुड़ाव के लिए गिरफ्तार किये गये कुछ नामी कार्यकर्ताओं के मामले पर मीडिया से बात करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है. राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) सिंह ने पुणे पुलिस के साथ 31 अगस्त को मामले पर मुंबई में मीडिया को संबोधित किया था.
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प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सिंह ने कार्यकर्ताओं के बीच कथित रूप से आदान-प्रदान हुए पत्रों को पढ़कर सुनाया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस के पास जून में और पिछले सप्ताह गिरफ्तार किये गये वामपंथी कार्यकर्ताओं के माओवादियों से जुड़ाव के ठोस सबूत हैं. भीमा-कोरेगांव हिंसा में गवाह होने का दावा करने वाले एक्टिविस्ट संजय भालेराव ने सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक आपराधिक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल की है.
याचिका में प्रेस कांफ्रेंस करने और मामले में महत्वपूर्ण सूचना का खुलासा करने वाले सिंह और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की मांग की गयी है. याचिका में अदालत से संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. इसके तहत कदाचार के आरोप में एक नौकरशाह को बर्खास्त किया जा सकता है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पुणे पुलिस ने गलत नीयत से और राजनीतिक रूप से प्रेरित होकर जांच शुरू की.