नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की किताब ‘मूविंग ऑन… मूविंग फॉरवर्ड: अ इयर इन ऑफिस’ के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने आप को दायित्व के अनुरूप ढालने से ही वेंकैया जी सफलता प्राप्त करते रहे हैं. वेंकैया जी हमेशा जिम्मेदारियों को लेकर चलते रहे हैं.
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पीएम मोदी ने कहा कि वेंकैया जी के बारे में सुनकर हमें काफी गर्व होता है, वह अनुशासन का पालन करने वाले हैं. वह कभी घड़ी, कलम और पैसे नहीं रखते हैं. घड़ी न रखने पर भी वेंकैया जी हर कार्यक्रम में समय पर पहुंचते हैं. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जी नायडू जी को मंत्रालय सौंपना चाहते थे. उस वक्त नायडू जी ने कहा था कि मैं ग्रामीण विकास मंत्री बनना चाहता हूं. दिल से नायडू एक किसान हैं. उन्होंने किसानों के कल्याण और एग्रीकल्चर के लिए काफी काम किये हैं.
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अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों ही इशारों में विपक्ष और खासतौर से कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सदन जब ठीक से चलता है तो आसन पर कौन बैठा है, उसमें क्या क्षमता है, क्या विशेषता है, उस पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं जाता है. सदस्यों के विचार ही आगे रहते हैं, लेकिन जब सदन की कार्यवाही नहीं चलती है तो आसन पर जो व्यक्ति होता है उसी पर ध्यान रहता है. वह कैसे अनुशासन ला रहे हैं, कैसे सबको रोक रहे हैं इसलिए गत वर्ष देश को वेंकैया नायडू को निकट से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
सदन न चलने देने के लिए कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि अगर सदन ठीक से चला होता तो यह सौभाग्य न मिलता. इस पर खुद उपराष्ट्रपति भी मुस्कुराते नजर आए. प्रधानमंत्री जब बोल रहे थे तो मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के साथ ही सुनने वालों में कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि मैं थोड़ा नाखुश हूं कि संसद में उस तरह कामकाज नहीं चल रहा, जिस तरह चलना चाहिए.
कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी उपस्थित थे. उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वैंकया नायडू अपने राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव के कारण उपराष्ट्रपति बने. एक साल के कार्यकाल में उन्होंने काफी कुछ किया जो झलकता है. मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि लेकिन अभी वैंकया जी का बेस्ट उनके अंदर से निकलना बाकी है. एक कवि ने कहा है- सितारों के आगे जहा और भी है…अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं…