मुंबई : राजग के सहयोगी दल शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी सांसदों को व्हिप जारी करके उनसे लोकसभा में विपक्ष की ओर से लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मौजूद रहने और सरकार के पक्ष में वोट करने के लिए कहने में एक गलती हुई. शिवसेना के एक सूत्र ने कहा, ‘एक गलती हुई. मुख्य सचेतक की ओर से तब ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता जब उस समय (अविश्वास प्रस्ताव पर) कोई निर्णय नहीं किया गया था.’
शिवसेना सांसद चंद्रकांत खरे लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक हैं. उन्होंने गत 18 जुलाई को पार्टी लेटरहेड पर तीन पंक्ति का एक व्हिप जारी किया था और पार्टी सांसदों से अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राजग सरकार का समर्थन करने के लिए कहा था.
व्हिप जारी करने के कुछ घंटे बाद शिवसेना ने अपना रूख बदला और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे दिल्ली में रहें और मोदी सरकार का समर्थन करने के बारे में अंतिम निर्णय आज सुबह चर्चा शुरू होने से पहले किया जायेगा. खरे के नाम से जारी व्हिप में उनका हस्ताक्षर भी है.
आज जब एक स्थानीय समाचार चैनल द्वारा पूछा गया कि क्या वह उनका हस्ताक्षर था, खरे ने कहा, ‘किसी ने शरारत की.’ उन्होंने कल कहा था कि पार्टी सांसदों को जारी व्हिप में उन्हें पूरे दिन संसद में मौजूद रहने के लिए कहा गया है. खरे ने कहा था, ‘सभी पार्टी सांसदों से कहा गया है कि (अविश्वास प्रस्ताव पर रूख अपनाने पर) निर्णय उद्धवजी (शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे) द्वारा किया जायेगा और उन्हें बता दिया जायेगा.
खरे ने शुक्रवार की सुबह संवाददाताओं से कहा कि ऐसा कोई व्हिप जारी नहीं किया गया था और अविश्वास प्रस्ताव पर पार्टी का निर्णय आज सुबह किया गया. ठाकरे के एक नजदीकी सूत्र ने कहा कि पार्टी सांसदों से अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए कहा गया है. शिवसेना के लोकसभा में 18 सांसद हैं.