नयी दिल्ली : आपातकाल को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किये गये राजनीतिक वार पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव ने पलटवार किया है. उन्होंने भारत को ‘महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश’ करार देने वाली अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह 43 साल पुराने आपातकाल पर बोल रहे हैं, लेकिन ‘महिलाओं के लिए आपातकाल की मौजूदा स्थिति’ पर चुप हैं.
इसे भी पढ़ें : यौन हिंसा के बढ़े खतरे के कारण भारत महिलाओं के लिए बना सीरिया से भी खतरनाक देश
सुष्मिता ने कहा कि प्रधानमंत्री 43 साल पुराने आपातकाल पर बोल रहे हैं, लेकिन आज देश में महिलाओं के लिए जो आपातकाल की स्थिति है, उस पर वह चुप हैं. हम पूछना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने यह चुप्पी क्यों साध रखी है? उन्होंने कहा कि 2014 में लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ने ‘बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा दिया था, लेकिन सरकार बनने के बाद महिलाओं की सुरक्षा की उपेक्षा की गयी.
उन्होंने कहा कि कठुआ और उन्नाव में जघन्य घटनाएं हुईं और शर्मनाक बात यह है कि इनमें कार्रवाई की बजाय आरोपियों को बचाने की कोशिश की गयी. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुष्मिता ने कहा कि महिलाएं देश की आधी आबादी हैं और उनसे जुड़े मुद्दे की इस तरह से उपेक्षा नहीं की जा सकती.
गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि यौन हिंसा के बढ़े खतरे के कारण भारत महिलाओं के लिए विश्व का सबसे खतरनाक देश बन गया है. महिलाओं के मुद्दों पर करीब 550 विशेषज्ञों की राय के बाद ‘थॉमसन रायटर्स फाउंडेशन’ सर्वेक्षण के अनुसार, इस सूची में चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमश: सोमालिया और सऊदी अरब हैं.