नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के उपराज्यपाल पर हमला शुरू कर दिया है. चार मुख्यमंत्रियों को दिल्ली के उनके समकक्ष अरविंद केजरीवाल से उपराज्यपाल के कार्यालय पर मिलने की अनुमति नहीं देने पर ‘आप’ नेतृत्व ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है.
Good morning Delhi
जो प्रधान मंत्री किसी राज्य में अफ़सरों की हड़ताल करवा के वहाँ का काम काज ठप करता है, क्या ऐसे प्रधान मंत्री के हाथों में देश का लोकतंत्र सुरक्षित है?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
केजरीवाल यहीं नहीं रुके. उन्होंने रविवार सुबह दिल्ली के लोगों को सुप्रभात कहते हुए ट्वीट किया, ‘जो प्रधानमंत्री किसी राज्य में अफसरों की हड़ताल करवा के वहां का कामकाज ठप करता है, क्या ऐसे प्रधानमंत्री के हाथों में देश का लोकतंत्र सुरक्षित है?’
I don’t think Hon’ble LG can take such a decision on his own. Obviously, PMO has directed him to refuse permission. Just like IAS strike is being done at PMO’s instance. https://t.co/hKEe99s8Fp
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 16, 2018
इससे पहले शनिवार को ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मुझे नहीं लगता कि उपराज्यपाल खुद से इतना बड़ा फैसला ले सकते हैं. निश्चित तौर पर पीएमओ ने उन्हें इजाजत देने से मना किया होगा. ठीक वैसे ही, जैसे पीएमओ के इशारे पर आइएएस हड़ताल कर रहे हैं.’
धरने पर बैठे .@ArvindKejriwal के सपोर्ट में आए 5 CM
🔼 एलजी ने मिलने की परमिशन नही दी, चारो गए सीएम के घर
🔼 क्या चीफ मिनिस्टर का लोकतंत्र में कोई अधिकार नही है? नीति आयोग की बैठक के बाद पीएम से मिलकर हालात सुलझाने को कहेंगे : .@MamataOfficial pic.twitter.com/5isWel4TSy
— AAP Express 🇮🇳 (@AAPExpress) June 17, 2018
उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि चारों नेता राष्ट्रीय राजधानी में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने आये हैं, राजनीति करने नहीं. यह उन्हें शोभा नहीं देता.
उधर, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल के प्रति एकजुटता दिखायी. केजरीवाल दिल्ली में नौकरशाहों की ‘हड़ताल’ खत्म करवाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना पर बैठे हैं.
केजरीवाल के आवास पर संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने केंद्र से तुरंत ‘संकट’ का समाधान करने को कहा. अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले विपक्षी दलों के साथ आने के प्रयासों के बीच केजरीवाल को चारों मुख्यमंत्रियों के समर्थन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
We came here to express our support to Delhi CM @ArvindKejriwal. The
LG has to allow this government to function. We had asked permission from the LG to see the CM to which there was no response. pic.twitter.com/03KkIapwMt— N Chandrababu Naidu (@ncbn) June 16, 2018
हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही कांग्रेस दिल्ली के मुख्यमंत्री के धरना पर बैठने की आलोचना कर रही है.