मुंबई : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात से ठीक पहले बीजेपी की इस सबसे पुरानी सहयोगी ने उस पर हमला किया है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे गये एक लेख में भारतीय जनता पार्टी पर कई सवाल उठाये गये हैं. लेख में अमित शाह के संपर्क फॉर समर्थन यात्रा का उद्देश्य पूछा गया है. मालूम हो कि पिछले सप्ताह अमित शाह ने अाम चुनाव के मद्देनजर यह अभियान शुरू किया था, जिसके तहत वे विभिन्न क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों व राजनीतिक सहयोगियों से मुलाकात कर रहे हैं.
सामाना ने लिखा है कि ऐसे वक्त में जब तेल की बढ़ी कीमतों की वजह से देश में गुस्सा है, किसान अांदोलन कर रहे हैं, ऐसे में सरकारद्वारा साम, दाम, दंड और भेद अपनाए जाने के बाद भी किसानों से बातचीत नहीं हो पा रही है, ऐसे में मोदी और अमित शाह 350 सीटें जीतने का सपना देख रहे हैं. इस स्थिति में मोदी और शाह राष्ट्रीय आैर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार अभियान चला रहे हैं, दोनों के कौशल की तारीफ होनी चाहिए. सामना ने लिखा है कि राम मंदिर बनाने से ही भाजपा 350 सीटें जीत सकती हैं.
सामना ने लिखा है कि नीतीश कुमार की आंखें खुल गयी हैं. सामना ने नीतीश कुमार को बिहार में एनडीए का चेहरा बनाने पर भी लिखा है. सामना ने अपने आलेख में उपचुनाव में बीजेपी के हार के कारणों का संदर्भ दिया है. चंद्रबाबू नायडू के एनडीए छोड़ने का भी उल्लेख किया है.
वहीं, शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि उनकी पार्टी का कोई एजेंडा नहीं है. एजेंडा भाजपा का हो सकता है. उन्होंने कहा है कि हमारेनेता उद्धव ठाकरे पहले ही अलग चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं. उन्होंने संकेत दिया कि शिवसेना अगले साल अकेले चुनाव लड़ेगी.
ध्यान रहे कि महाराष्ट्र राजनीतिक दृष्टिकोण से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. उत्तरप्रदेश की 80लोकसभा सीटों के बाद सबसे ज्यादा 48 लोकसभा सीटें महाराष्ट्र में हैं. संभव है कि अन्य सहयोगी दलों की तरह शिवसेना भी भाजपा पर सीटों के लिए दबाव बनाने की शुरुआत कर दे. वर्तमान में उसके 18 लोकसभा सांसद हैं.