नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर ने आज प्रधान न्यायाधीश को खत लिखकर कॉलेजियम की बैठक बुलाने का अनुरोध किया है. उत्तराखंड के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश के एम जोसफ को सर्वोच्च न्यायालय के जज के तौर पर प्रोन्नत किये जाने के लिए उनका नाम केंद्र को तत्काल भेजने के लिए उन्होंने बैठक बुलाने का आह्वान किया. सरकार ने 26 अप्रैल को न्यायमूर्ति के एम जोसफ को सर्वोच्च न्यायालय के जज के तौर पर प्रोन्नत करने की कॉलेजियम की सिफारिश पुनर्विचार के लिए लौटा दी थी.
सरकार ने तब कहा था कि प्रस्ताव सर्वोच्च अदालत के मानकों के अनुरूप नहीं है और सुप्रीम कोर्ट में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है जहां से वह आते हैं. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर प्रोन्नति के लिए उनकी वरिष्ठता पर भी सवाल उठाये. सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा कि कल देर शाम प्रधान न्यायाधीश को भेजे अपने खत में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि वह एक बार फिर न्यायमूर्ति जोसफ को सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत किये जाने के अपने फैसले पर जोर दे रहे हैं क्योंकि उन परिस्थितियों के कोई बदलाव नहीं आया है जब 10 जनवरी को कॉलेजियम ने सरकार के पास उनके नाम की अनुशंसा की थी.
यह भी पता चला है कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा प्रधान न्यायाधीश को लिखे खत में न्यायमूर्ति जोसफ की पदोन्नति को लेकर उठायी गयी आपत्तियों का क्रमवार जवाब न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने अपने पत्र में दिया है. न्यायमूर्ति चेलमेश्वर 22 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
कॉलेजियम की बैठक कल होने की उम्मीद थी लेकिन न्यायमूर्ति चेलमेश्वर कल छुट्टी पर थे. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के अलावा कॉलेजियम के दूसरे सदस्य न्यायमूर्ति रंजन गोगोई , एम बी लोकुर और कुरियन जोसफ हैं. न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ ने पिछले हफ्ते अपने केरल दौरे के दौरान कथित तौर पर यह स्पष्ट किया था कि वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के मुद्दे पर कॉलेजियम की अनुशंसा पर फिर से जोर देने के पक्ष में हैं. कॉलेजियम की बैठक कब होगी इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं आया है.