नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के खिलाफ महाभियोग के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अदालत में मतभेद का फायदा उठाना चाहती है और इस मुद्दे पर हासिये की राजनीति कर रही है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस को इस राजनीति का तत्काल कर्नाटक में नुकसान होने जा रहा है. उनका यह बयान तब सामने आया है, जब कांग्रेस के दो सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को अपनी वह याचिका वापस ले ली, जिसमें मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा पर संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने के नोटिस को खारिज करने के राज्यसभा के सभापति एम वैंकया नायडू के निर्णय को चुनौती दी गयी थी.
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जेटली ने अपनी फेसबुक टिप्पणी में कहा कि न्यायालय में फूट को देखते हुए कांग्रेस संकट का फायदा उठाना चाहती है. यदि महाभियोग प्रस्ताव में ही कोई दम नहीं था, तो उसको खारिज करने वाले राज्यसभा के सभापति के आदेश को चुनौती देने वाली रिट याचिका के पक्ष में कोई तर्क नहीं बनता. जेटली ने कहा कि किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने या नहीं करने के राज्यसभा चेयरमैन के निर्णय को न्यायालय की समीक्षा का विषय नहीं बनाया जा सकता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस कोर्ट में व्याप्त संकट का लाभ उठाना चाहती है. इसीलिए उसने इस मुद्दे की सुनवाई के लिए संविधान पीठ की मांग का उल्लेख ‘अपने पसंद की पीठ’ में करने की रणनीति अपनायी, ताकि एक मामला जो तर्क के लायक नहीं था, वह एक अधिक उदार पीठ के तर्क लायक हो जाये. जेटली खुद भी एक जाने माने वकील हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने मनमाफिक मैदान में खेल खेलना चाहती थी. उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि एक राष्ट्रीय पार्टी के लिए क्या यह ठीक होगा कि वह मुख्यधारा से हटकर इस तरह की हासिये वाली भूमिका चुने? जेटली ने कहा कि दरअसल, हर कांग्रेसी को इसकी कीमत चुकानी होगी, क्योंकि उसके नेता ने मुख्यधारा में रहकर काम करने के बजाय हासिये की चाल चलने का फैसला किया है. कर्नाटक में कांग्रेसियों को तुरंत इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.