नयी दिल्ली : कांग्रेस ने संसद में गतिरोध के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के सरकार के आरोपों पर पलटवार करते हुए शुक्रवारको कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता नौ अप्रैल को सभी राज्य एवं जिला मुख्यालयों पर विभिन्न मुद्दों पर भाजपा के ‘झूठों’ को बेनकाब करने के लिए एक दिन का उपवास करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में गतिरोध के लिए विपक्षी दल को जिम्मेदार ठहराते हुए शुक्रवार को घोषणा की कि भाजपा सांसद 12 अप्रैल को इसके विरोध में अनशन करेंगे. भाजपा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि संसद में कामकाज नहीं होने के लिए सरकार ही जिम्मेदार है. पार्टी ने संसद में कामकाज नहीं होने के कारण राजग सांसदों द्वारा 23 दिन का वेतन नहीं लेने के कदम को ‘हथकंडा’ और ‘नौटंकी’ बताया. लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी ने राज्यसभा सभापति से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया कि सदन का सत्रावसान नहीं किया जाये, ताकि इसे दो सप्ताह के लिए फिर से बुलाया जा सके.
पार्टी ने कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा करवायी जाये जो हंगामे और अड़चनों के कारण नहीं हो सकी. शर्मा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी राज्यों एवं जिला मुख्यालयों पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा देश में शांति, भाईचारा एवं सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए उपवास करने की घोषणा की है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एवं आरएसएस अपने ‘विभाजनकारी’ एजेंडे के तहत समाज में घृणा फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसे बेनकाब करेगी तथा पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने जनता से शांति एवं सौहार्द बनाये रखने की अपील की है. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार द्वारा कांग्रेस पर संसद में गतिरोध उत्पन्न करने के आरोप को खारिज करते हुए खड़गे ने कहा, ‘ऐसी झूठी बातें बोलना सरकार को शोभा नहीं देता. यदि वह अपनी विफलता और कमजोरियों को दूसरे के कंधे पर डालते हैं और देश की जनता के सामने अपनी छवि को बेहतर बनाने के लिए यदि झूठ बोलते हैं तो यह निंदनीय और शर्मनाक है.’
खड़गे ने पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी एवं मेहुल चौकसी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी जान-पहचान होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह बैंक घोटाले के मामले पर नियमों के तहत सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिये चर्चा करवाना चाहते थे और इसके लिए पार्टी ने नोटिस भी दिये थे. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार और उसके सहयोगी लोकसभा को बाधित कर रहे थे. उन्होंने सवाल किया कि हंगामा और व्यवधान डाल रहे सदस्यों को निलंबित क्यों नहीं किया गया तथा अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा क्यों नहीं हुई? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एवं उसके सहयोगी ही व्यवधान उत्पन्न कर रहे थे और इसके लिए कांग्रेस पर दोषारोपण कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने ‘एक-एक’ पार्टी को सदन में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि हम किसानों, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते मूल्य, आंध्र प्रदेश का मुद्दा, राफेल विमान सौदा, एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाना चाहते थे. खड़गे ने कहा कि यह सब सरकार कर रही है और ‘हमें बदनाम कर रही है. यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटेवाली बात हो गयी.’ उन्होंने कहा कि पहले सदन में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए, बैनर-पोस्टर और तस्वीर दिखाने के लिए सदस्यों को निलंबित किया जाता रहा है. उन्होंने हैरत जतायी कि इस बार विभिन्न दलों के सदस्य बार-बार बैनर-पोस्टर और तस्वीर लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे किंतु किसी को भी निलंबित नहीं किया गया या कोई अन्य कार्रवाई नहीं की गयी.
खड़गे ने दावा किया कि ऐसे सदस्यों पर इसलिए कार्रवाई नहीं की गयी क्योंकि सरकार खुद नहीं चाहती थी कि सदन चले. उन्होंने कहा कि सरकार यह बात अच्छी तरह जानती है कि यदि सदन चला तो बैंकिंग घोटाले सहित तमाम घोटाले के मुद्दे उठ सकते हैं. इस बीच, कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने पार्टी के प्रदेश कांग्रेस समितियों के अध्यक्ष एवं एआईसीसी प्रभारियों को भेजे पत्र में नौ अप्रैल को राज्य एवं जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रव्यापी उपवास आयोजित करने के पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश की जानकारी दी है.