नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब सीलिंग के मुद्दे पर अनशन नहीं करेंगे. केजरीवाल ने इस महीने के शुरू में कहा था कि शहर में सीलिंग की कार्रवाई 31 मार्च तक नहीं रुकी, तो वह खुद अनशन पर बैठेंगे. लेकिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस यू-टर्न से प्रदेश के व्यापारी नाराज हैं. व्यापारी संगठन कैट ने इसे व्यापारियों के साथ धोखा बताते हुए सीएम केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है.
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उधर, आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट दो अप्रैल से सीलिंग के मामले की रोजाना आधार पर सुनवाई करने जा रहा है. ‘आप’ सरकार ने इस मामले में दो वकीलों को नियुक्त किया है. ‘आप’ की दिल्ली इकाई के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कई व्यापारी संगठनों और वकीलों ने केजरीवाल से अनशन नहीं करने की अपील की थी, क्योंकि इससे न्यायालय नाराज हो सकता है. लिहाजा मुख्यमंत्री ने अपनी अनशन टालने का फैसला किया.
बहरहाल, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि केजरीवाल द्वारा सीलिंग के खिलाफ 31 मार्च से शुरू होने वाले अनशन को अनिश्चितकाल के लिएटालना दिल्ली के व्यापारियों से विश्वासघात है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल का यू-टर्न कैट के उस बयान की पुष्टि करता है, जिसमें कहा गया था कि यह सीएम का राजनीतिक स्टंट है, जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ व्यापारियों की सहानुभूति लेना है.
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खंडेलवाल ने कहा कि भूख हड़ताल को स्थगित करना साफ बताता है कि केजरीवाल को व्यापारियों से कोई लेना-देना नहीं है. व्यापारियों और उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों की रोजी-रोटी से जुड़े इस बेहद गंभीर और संवेदनशील मुद्दे के साथ सीएम केजरीवाल ने राजनीति की और व्यापारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया. इससे दिल्ली के व्यापारी बेहद आहत हैं.