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गुजरात में मोदी-शाह छह मंत्री सहित तीन दर्जन सीटिंग बीजेपी विधायकों का काट सकते हैं टिकट, भय बढ़ा

नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा टिकट वितरण में सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रही है.भारतीय जनता पार्टी 35 से 40 मौजूदा विधायकों का टिकट काट सकती है, जिसमें आधा दर्जन मंत्री भी शामिल हैं. पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति से इतर इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह की बैठक हुई […]

नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा टिकट वितरण में सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रही है.भारतीय जनता पार्टी 35 से 40 मौजूदा विधायकों का टिकट काट सकती है, जिसमें आधा दर्जन मंत्री भी शामिल हैं. पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति से इतर इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह की बैठक हुई है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रीफ किया है आैर राज्य के मौजूदा हालात के मद्देनजर यह बताया है कि क्यों ऐसे कदम उठाने की जरूरत है. शाह के तर्क पर प्रधानमंत्री मोदी सहमत हो गये हैं और उनकी ओर सेउन्हें ऐसा कदम उठाने को हरी झंडी मिल गयी है.

ध्यान रहे कि परसों भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी, जिसमें गुजरात चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों के नामों पर फैसला लिया गया था. इस बैठक के बाद पार्टी के महासचिव जेपी नड्डा ने कहा था कि हमने उम्मीदवारों के नामों का फैसला कर लिया है और उचित समय पर इसका एलान किया जायेगा.

182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में भाजपा के पास वर्तमान में 121 विधायक हैं. इसमें वे विधायक भी हैं जो हाल में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गये थे. कांग्रेस से आये विधायकों को टिकट दिये जाने पर पार्टी में असंतोष है और इसका अंदरखाने विराेध किया जा रहा है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी बाहर से आये इन विधायकों को टिकट देती है या नहीं.

पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है. ऐसे में संभावना है कि आज शाम तक पार्टी पहले चरण के उम्मीदवारों के नामों का एलान कर देगी. टिकट वितरण में विधायकों के परफॉरमेंस के साथ-साथ सबसे ज्यादा ध्यानजातीय समाज के तीन युवा नेताओं हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर व जिग्नेश मेवाणी द्वारा खड़ी कीगयी चुनौतियों का ख्याल रखा जायेगा. इसमें अल्पेश ठाकोर अब कांग्रेस के नेता बन चुके हैं और तीनों नेताओं का सुर भाजपा विरोधी है.

सीटिंग विधायकों का टिकट काटना भाजपा की चुनावी रणनीति का पुराना हिस्सा रहा है और नि:संदेह इसके जरिये पार्टी बढ़िया परफॉर्म करती रही है. पार्टी अपने शासन वाले राज्यों में अक्सर बड़ी संख्या में सीटिंग विधायकों का टिकट काटती है. इससे विधाायकों पर कामकाज व परफॉरमेंस का भी दबाव बना रहता है.

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