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तो क्या फिल्म ”पद्मावती” को रोक कर गुजरात चुनाव में माइलेज लेना चाहती है भाजपा?

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात में विधानसभा चुनाव और दीपिका पादुकोण की पीरियड फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज पर रोक की मांग. कनेक्शन क्या है? दरअसल, खबर यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग और सेंसर बोर्ड से फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है. पार्टी […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात में विधानसभा चुनाव और दीपिका पादुकोण की पीरियड फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज पर रोक की मांग. कनेक्शन क्या है? दरअसल, खबर यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग और सेंसर बोर्ड से फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आईके जाडेजा ने बुधवार को कहा है कि इस फिल्म में राजपूत समाज की भावना को चोट पहुंचाने वाले दृश्य हैं और इसमें ऐतिहासिकतथ्यों से छेड़छाड़ की गयी है. बताया जाता है कि रानी पद्मावती कीमुलाकात अलाउद्दीन खिलजी से कभी नहीं हुई थी,लेकिनफिल्म में इस तथ्य को नकारा गया है.

चुनाव आयोग और सेंसर बोर्ड से इस फिल्म के रिलीज पर रोक लगानेकी अपील करते हुए जाडेजा ने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली पर यह आरोप लगाया है कि वह फिल्म के व्यावसायिकहितों के लिए रानी पद्मावती के चरित्र के साथ छेड़छाड़ कर इतिहास के पन्नों में दर्ज तथ्यों को अपने अनुसार तोड़-मरोड़रहेहैं.

पहले जानें महारानी पद्मावती की कहानी

रानी पद्मावती (या पद्मिनी) राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की पुत्री थीं. रानी पद्मावती का विवाह चित्तौड़ के राजा रावल रत्नसिंह के साथ हुआ था. रानी पद्मावती की सुंदरता और वीरता के चर्चे दूर-दूर तक थे.

कहतेहैं कि दिल्ली का तत्कालीन सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी, दर्पण में रानी पद्मावती का प्रतिबिंब देख कर उनके सौंदर्य पर अभिभूत हो गया था. रानी को पाने के लिए खिलजी ने चित्तौड़ पर हमला कर दिया और राजा रत्नसिंह को धोखे से मार गिराया. इसके बाद अपनी आबरू बचाने के लिए रानी पद्मावती ने अन्य राजपूत वीरांगनाओं के साथ 1303 ईस्वी में जौहर कर लिया था.

(जौहर पुराने समय में भारत में राजपूत स्त्रियों द्वारा की जाने वाली क्रिया थी. जब युद्ध में हार निश्चित हो जाती थी तो पुरुष मृत्युपर्यंत युद्धकेलिए तैयार होकर वीरगति प्राप्त करने निकल जाते थे तथा स्त्रियां जौहर कर लेती थीं,यानी जौहर कुंड में आग लगाकर खुद भी उसमें कूद कर अपनी र्इहलीला समाप्त कर लेती थीं.)



राजपूत समाज जता रहा विरोध

फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर राजस्थान,गुजरात,मध्य प्रदेश केराजपूत जबरदस्त विरोध जताते रहे हैं. उनका आरोप है कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गयी है. यही नहीं, फिल्म पर भारतीय संस्कृति को चोट पहुंचाने के भी आरोप लगाये जाते रहे हैं. इन्हीं बातों को लेकर फिल्म की शूटिंग के दौरान सेट पर तोड़-फोड़ और मारपीट और आगजनी की खबरें भी आ चुकी हैं. यहां तक कि फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ लप्पड़-थप्पड़ भी हो चुकी है.

इसलिए विरोध कर रही है भाजपा

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि फिल्म को लेकर राजपूत समाज के विरोध को भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव में भुनाना चाहती है. देश के अन्य राज्यों की तरह गुजरात में भी चुनाव के लिए जातिवाद का फैक्टर बड़ा अहम हो गया है. विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे में फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध कर भारतीय जनता पार्टी राजपूतों को अपने पाले में कर इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है. बताते चलें कि गुजरात के 17 जिलों में राजपूत और क्षत्रिय समाज के लोगों की बहुलता है.राज्य में राजपूतों की कुल आबादी पांच प्रतिशत के आसपास है. फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है, जबकि चुनाव 9 से 14 दिसंबर के बीच कराये जायेंगे. इसके पहले नौ नवंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भी वोट पड़ना है और इस पहाड़ी राज्य में भी राजपूत एक प्रभावी मतदाता वर्ग हैं.

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