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चिदंबरम का चुनाव आयोग पर तंज-गुजरात में मोदी की अंतिम रैली के बाद ही घोषित होगी चुनाव की तिथि

नयी दिल्ली/अहमदाबाद : कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गुजरात में अब तक आगामी चुनावों की तिथि की घोषणा नहीं करने के लिए चुनाव आयोग (ईसी) पर शुक्रवार को निशाना साधा और तंज कसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य में अपनी अंतिम रैली में चुनाव की तारीखें घोषित करने के लिए अधिकृत कर दिया गया […]

नयी दिल्ली/अहमदाबाद : कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गुजरात में अब तक आगामी चुनावों की तिथि की घोषणा नहीं करने के लिए चुनाव आयोग (ईसी) पर शुक्रवार को निशाना साधा और तंज कसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य में अपनी अंतिम रैली में चुनाव की तारीखें घोषित करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है.

पूर्व वित्त और गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कई ट्वीट में दावा किया कि, गुजरात सरकार द्वारा सभी रियायतों और सौगातों की घोषणा करने के बाद अब चुनाव आयोग को उसकी विस्तारित छुट्टी से वापस बुला लिया जायेगा. मोदी की रविवार को गुजरात यात्रा प्रस्तावित है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री को उनकी अंतिम रैली में गुजरात चुनाव की तारीख घोषित करने के लिए अधिकृत कर दिया है (और कृपया चुनाव आयोग को सूचित कर देने के लिए कहा है). आयोग ने 12 अक्तूबर को हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को विधानसभा चुनाव कराये जाने की घोषणा की है, लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की थी. आयोग ने अब जाकर कहा है कि गुजरात में चुनाव 18 दिसंबर से पहले होंगे.

इस बीच, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने चुनाव आयोग की आलोचना करने पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की निंदा की और कहा कि विपक्षी पार्टी भाजपा शासित राज्य में होनेवाले चुनाव से भयभीत है. रूपाणी ने पत्रकारों से कहा, चिदंबरमजी और कांग्रेस आगामी (राज्य विधानसभा) चुनावों से डरे हुए हैं. उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि चुनाव तय समय पर ही होने चाहिए और ऐसा ही होगा. लेकिन, वह अपनी निराशा के कारण भयभीत हैं और चुनाव आयोग की निंदा करना लोकतंत्र में अच्छी बात नहीं है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा में देरी करने के लिए आयोग पर दबाव बनाया ताकि प्रधानमंत्री को 16 अक्तूबर को अपने गृह नगर के दौरे के दौरान फर्जी सांता क्लाज बनने का मौका मिल सके और वह सौगातों की बारिश कर सकें. पार्टी ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित करने से वहां तुरंत आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वर्ष 2012 में गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए तिथियों को तय करने के लिए कांग्रेस (उस समय केंद्र की सत्ता में थी) ने चुनाव आयोग को प्रभावित किया था.

निर्वाचन आयोग की आलोचना करने के लिए कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि संवैधानिक इकाई पर बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा था, ये पूरी तरह से निरर्थक आरोप है. यह चुनाव आयोग के विवेक पर सवाल उठाने जैसा है. कांग्रेस शायद अपने अनुभव के बारे में बात कर रही है जहां उनके शासनकाल में संवैधानिक संस्थाओं के कामकाज में हस्तक्षेप किया जाता था. वर्ष 2014 के बाद से इस तरह का कोई मामला नहीं है. प्रसाद ने कहा था, मैं कहूंगा कि वे राज्य में भाजपा की चुनावी संभावनाओं से घबराये हुए हैं.

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