नयी दिल्ली : वर्ष 2014 के आम चुनावों में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने वो कमाल कर दिखाया था, जो भारतीय जनता पार्टी के सर्वोच्च नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी भी नहीं कर पाये. अटल बिहारी वाजपेयी के बीमार पड़ने के बाद पार्टी संकटों में घिरी थी, नेतृत्व का अभाव दिख रहा था. ऐसे समय में मोदी और शाह की जोड़ी ने लगातार 10 साल तक देश पर शासन करनेवाली मनमोहन सिंह की अगुवाईवाली कांग्रेस सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था. इस जोड़ी ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल ही नहीं किया, बल्कि ऐसी चुनावी रणनीति बनायी कि कांग्रेस नेता विपक्ष का हकदार भी नहीं रह गयी.
करमसद में भारत माता के वीर सपूत राष्ट्र गौरव लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/tWyjGPH5vP
— Amit Shah (@AmitShah) October 1, 2017
अब जबकि गुजरात के सबसे सफल मुख्यमंत्री माने जानेवाले नरेंद्र मोदी और उनके सबसे विश्वस्त सहयोगी अमित शाह नयी दिल्ली पहुंच गये हैं, उनके राज्य में पार्टी कुछ हद तक कमजोर हुई है. आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर एक ओर पार्टी के अंदर और बाहर से केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार पर हमले हो रहे हैं, तो गुजरात में आरक्षण को लेकर पाटीदार समुदाय का विरोध उसके लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. ऐसे में राज्य में सत्ता बचाने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोंकदेनाचाहती है. इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुजरात पहुंच गये हैं.
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संकट की इस घड़ी में अमित शाह ने रविवार (1 अक्तूबर, 2017) को ‘गुजरात गौरव यात्रा’ के दूसरे चरण की शुरुआत की है. ‘गुजरात गौरव यात्रा’ की शुरुआत वर्ष 2002 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. तब विधानसभा के चुनाव होने थे. गोधरा दंगों को लेकर सरकार की जमकर आलोचना हो रही थी. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्पष्ट रूप से नरेंद्र मोदी पर राजधर्म नहीं निभाने के आरोप लगा दिये थे.
Shri @AmitShah arrives at the venue. Will launch #GujaratGauravYatra from Karamsad. https://t.co/OWRBqIMChS pic.twitter.com/ebr2fBjR17
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अपनों और परायों की घोर आलोचना के बीच नरेंद्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले ‘गुजरात गौरव यात्रा’ निकाली. प्रदेश के कोने-कोने में घूमे. लोगों के बीच गये और उनका विश्वास जीता. मोदी की इसी यात्रा की बदौलत वह अपने दम पर गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गये. इस चुनाव के बाद तो मोदी ने कांग्रेस को भाजपा और सत्ता के पास तक नहीं फटकने दिया.
भाजपा एक बार फिर वैसे ही दौर से गुजर रही है. आर्थिक मोर्चे पर कांग्रेस और अन्य विरोधी दल सरकार की आलोचना कर ही रहे हैं, अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता भी सरकार के अहम फैसलों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. राज्य की समस्याएं हैं, सो अलग. ऐसे में अमित शाह ने फिर वर्ष 2002 को दोहराने की योजना बनायी है. इसी योजना के तहत उन्होंने 15 दिन की ‘गुजरात गौरव यात्रा’ निकालने का सुझाव भाजपा की राज्य इकाई को दिया.
गुजरात गौरव यात्रा के माध्यम से भाजपा पिछले दो दशक में आयी विकास क्रांति के गौरव को जन-जन तक पहुंचाएगी। कार्यकर्ताओं और जनता को शुभकामनाएं।
— Amit Shah (@AmitShah) October 1, 2017
शाह ने रविवार (1 अक्तूबर)को आणंद जिले में सरदार पटेल के गांव करमसद पहुंचे और ‘गुजरात गौरव यात्रा’ को हरी झंडा दिखाने के साथ ही गुजरात चुनाव का बिगुल बजा दिया. 15 अक्तूबर तक चलनेवाली इस यात्रा के दौरान कुल 138 जन सभाओं को संबोधित किया जायेगा. यात्रा के दो रूट होंगे. एक रूट को गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल लीड करेंगे, जबकि दूसरे रूट को गुजरात भाजपा के अध्यक्ष वघानी लीड करेंगे. इस दौरान भाजपा गुजरात की जनता को बतायेगी कि दो दशक में उसकी सरकार ने प्रदेश की उन्नति के लिए क्या-क्या काम किये हैं.
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शाह ने अपनी यात्रा शुरू करने से पहले ट्वीट किया, ‘सरदार पटेल की जन्मभूमि करमसद से आज भाजपा की विकास यात्रा गुजरात गौरव यात्रा प्रारंभ होगी. गुजरात गौरव यात्रा के माध्यम से भाजपा पिछले दो दशक में आयी विकास क्रांति के गौरव को जन-जन तक पहुंचायेगी. कार्यकर्ताओं और जनता को शुभकामनाएं.’
गौरतलब है कि गुजरात में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं. भाजपा के फिलहाल 118 विधायक हैं. 1 मई, 1960 को गठित गुजरात राज्य में करीब 22 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है.
"गुजरात गौरव यात्रा" के शुभारंभ से पूर्व करमसद में भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक सरदार पटेल जी के घर जाकर उन्हें वंदन किया। pic.twitter.com/md0nN1OuAr
— Amit Shah (@AmitShah) October 1, 2017
इस यात्रा के दौरान कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रैलियों में हिस्सा लेंगे. पार्टी के गुजरात प्रभारी भी जनसभाओं को संबोधित करेंगे. इस यात्रा का समापन अहमदाबाद में होगा, जहां समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह हिस्सा लेंगे.