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फर्जी खबरों को पता लगाने का यह है आसान तरीका

सोशल मीडिया के दौर में खबर फर्जी है या सही, पता लगाना कभी – कभी बेहद मुश्किल हो जाता है. फर्जी खबर समाज और प्रशासन दोनों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं. कई बार इन खबरों की वजह से दंगे जैसे हालात पैदा हो जाते हैं. ऐसे दौर में जब सबके पास स्मार्टफोन हो तो […]

सोशल मीडिया के दौर में खबर फर्जी है या सही, पता लगाना कभी – कभी बेहद मुश्किल हो जाता है. फर्जी खबर समाज और प्रशासन दोनों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं. कई बार इन खबरों की वजह से दंगे जैसे हालात पैदा हो जाते हैं. ऐसे दौर में जब सबके पास स्मार्टफोन हो तो एक मामूली सा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के जरिये फर्जी खबरों को वायरल करना बेहद आसान काम है. समाज में ऐसे असमाजिक तत्वों की कमी नहीं, जो फर्जी खबरों को वायरल करते हैं. इन खबरों की पहचान जरुरी है. इसके कई तरीके हैं, आप आसानी से पता लगा सकते हैं खबर फर्जी है या सही.

1.हेडलाइन : फर्जी खबरों के हेडलाइन को लेकर सतर्क रहें. ऐसे खबरों में विस्मयादिबोधक (!) चिन्ह के ज्यादा प्रयोग होते हैं. फर्जी खबरों में विस्मयादिबोधक का उपयोग इसलिए भी ज्यादा किया जाता है, क्योंकि खबर की सत्यता को लेकर पुष्टि नहीं होती है. कई बार आशंका व कयासों के आधार पर खबर लिख दी जाती है. फर्जी खबरों में हेडलाउन भड़काऊ और भ्रामक होते हैं. इसका उद्देश्य सूचना देने से ज्यादा किसी खास समूह, विचारधारा, पार्टी या व्यक्ति को चिन्हित कर हमला करना होता है.
2.फोटो की सत्यता पर विचार करें : आजकल फोटोशॉप के जरिये फोटोग्राफ में हेरफेर करना बहुत आसान हो गया है. ध्यान रहे, अगर आपके पास थोड़ा सा भी तार्किक दिमाग हो तो आप आसानी से ऐसे फोटोग्राफ को पहचान कर सकते हैं. कई बार फोटो असली होता है लेकिन उसे गलत प्रसंग में लगा दिया जाता है.
3.खबर का सोर्स जानें : खबर का स्त्रोत जानना जरुरी है. अकसर फर्जी खबर जिन वेबसाइटों पर चलती है. उनका स्त्रोत कुछ अजीबोगरीब वेबसाइट होते हैं. ये स्थापित मीडिया हाउस नहीं होते हैं. मीडिया के व्यवसाय में लगे हुए है जो प्रतिष्ठित मीडिया घराने हैं. अगर वह फर्जी खबर देते हैं तो उनके साख को चोट पहुंचता है . इस परिस्थिति में वह फर्जी खबरों से परहेज करते हैं
4.अन्य रिपोर्ट भी देखें : खबर फर्जी है या सही. इसे पड़ताल करने के लिए अन्य प्रतिष्ठित मीडिया हाउसेस का क्रॉस चेक कर ले. अगर यह सभी चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम में चल रहा हो तो इस बात की ज्यादा संभावना है कि खबर सही है.
5.प्रमाण की जांच करें : ज्यादातर फर्जी खबरों में अमूमन भाषा अशुद्धि, वाक्य विन्यास में गड़बड़ी होता है. अगर आप इनको पढ़ेगे तो आप आसानी से फर्क महसूस कर पायेंगे कि यह किसी नौसिखुए ने बनायी है. हालांकि कभी – कभी फर्जी खबरों को भी इस तरह से तैयार व लिखा जाता है कि बिलकुल सही लगता है.
6. नेता, राजनीतिक पार्टी, विचारधारा को किया जाता है टार्गेट : इस तरह की खबरें धार्मिक विद्वेष फैलाने ,राजनीतिक पार्टी व नेता को निशाना बनाने के लिए किया जाता है. कई बार किसी खास धर्म, जाति व संप्रदाय का खास इमेज गढ़ने के लिए इस तरह के प्रयोग किये जाते हैं.
7.तारीख : फर्जी खबरों के तारीख को लेकर कुछ स्पष्ट पता नहीं चल पाता है. ऐसे टाइमलाइन दिये जाते हैं. जिनका कोई अर्थ नहीं होता है. कई बार घटनाओं की तारीख बदल दी जाती है.

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