नयी दिल्लीः पंजाब के भले ही मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों को कर्जमाफी का लाभ देने का एेलान किया हो, लेकिन हकीकत कुछ आैर ही है. उन्होंने बड़ी ही साफगोर्इ से किसानों को चकमा देने का काम किया है. कहने के लिए तो उन्होंने विधानसभा में यह घोषणा कर दी कि राज्य के उन किसानों का सभी कर्ज माफ कर दिया जायेगा, जिनके पास पांच एकड़ तक जमीन है, लेकिन विधानसभा का सत्र समाप्त होने के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमआे) ने प्रेस रिलीज जारी करके यह कहा कि पंजाब के किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज ही माफ होगा. कुल मिलाकर यह कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सदन में अपनी जो बात कही, उससे वो अपनी प्रेस रिलीज में ही पलट गये.
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मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, सीएमआे की रिलीज में साफ लिखा है कि 5 एकड़ तक की जमीन वाले किसानों का सिर्फ दो लाख रुपये का कर्ज और छोटे किसानों का भी दो लाख रुपये तक का ही कर्ज माफ किया जा रहा है. हालांकि, सदन में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहीं भी ये नहीं कहा कि 5 एकड़ की जमीन वाले किसानों का सिर्फ 2 लाख रुपये की ही कर्ज माफ किया जायेगा.
अमरिंदर ने कहा था कि 5 एकड़ तक की खेती की जमीन वाले किसानों का पूरा कर्जा माफ किया जायेगा. एक और बात ये भी हैरान करने वाली है कि सीएम अपनी पेपर पर लिखा भाषण देखकर पढ़ रहे थे, लेकिन उनका भाषण की कॉपी भी मीडिया गैलरी में बैठे पत्रकारों को नहीं दी गयी. हालांकि, बाद में जब किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सदन में आम आदमी पार्टी की भी वाहवाही लूट ली, तो उसके बाद एक प्रेस नोट जारी कर दिया गया.

