::: अतिक्रमण हटाओ अभियान पर सवाल, नगर आयुक्त को सख्ती बरतने की जिम्मेदारी
::: एमएलसी कारी सोहेब ने जतायी नाराजगी, कहा सख्ती बरते बिना शहर की स्थिति नहीं सुधरेगी
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं. नगर निगम बोर्ड की बैठक के दौरान राजद एमएलसी मो कारी सोहेब, पार्षद मो इकबाल हुसैन और अर्चना पंडित समेत कई पार्षदों ने इस मुद्दे को उठाया. उनका आरोप है कि निगम की टीम सिर्फ उन्हीं जगहों पर कार्रवाई करती है जहां से उन्हें ”पैसा नहीं मिलता” है. इस गंभीर आरोप पर महापौर निर्मला साहू ने भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि उन्हें भी ऐसी शिकायतें मिली हैं और अगर भविष्य में ऐसी शिकायतें आती हैं तो नगर आयुक्त को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. एमएलसी कारी सोहेब ने शहर की सड़कों पर दिन और सुबह दोनों समय लगने वाले जाम का जिक्र करते हुए कहा कि कंपनीबाग से सरैयागंज टावर, गोला रोड और बनारस बैंक चौक तक की सड़कें दोनों तरफ से अतिक्रमण के कारण संकरी हो गई हैं. वहीं, पार्षद इकबाल हुसैन ने अपने वार्ड की खराब स्थिति का हवाला दिया, जिसमें पानी टंकी चौक पर पोस्ट ऑफिस के पास स्थायी रूप से अतिक्रमण है. उन्होंने कहा कि टीम मौके पर जाती है, लोगों को धमकाती है और फिर अपना ””स्वार्थ सिद्ध करके”” लौट जाती है. यह समस्या सिर्फ इन्हीं जगहों तक सीमित नहीं है, बल्कि आमगोला-रामदयालुनगर, अघोरिया बाजार रोड, पीएनटी चौक और स्टेशन रोड जैसे कई प्रमुख इलाकों में भी यही हाल है. पार्षदों का कहना है कि अगर निगम अपने ही गेट के सामने से अतिक्रमण नहीं हटा पा रहा है, तो पूरे शहर को अतिक्रमण मुक्त कैसे करेगा? यह स्थिति शहर में चल रहे अभियान की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करती है. एमएलसी कारी सोहेब ने यहां तक कहा कि जब तक सख्ती नहीं बरती जायेगी, तब तक शहर की स्थिति नहीं सुधरेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

