संवाददाता, कोलकाता
महानगर में दुर्गा पूजा का उत्सव जोरों पर है, लेकिन नगर निगम इस दौरान डेंगू के बढ़ते खतरे को लेकर गंभीर है. मौसम विभाग ने पूजा के दौरान विजय दशमी तक बारिश की संभावना जतायी है, जिससे जमा पानी में एडीस एजिप्टी मच्छरों के लार्वा पनप सकते हैं. यह लार्वा बारिश के बाद व्यस्क मच्छर बनकर लोगों को काट सकते हैं और डेंगू फैलाने का कारण बन सकते हैं. नगर निगम के कीट विशेषज्ञ डॉ देवाशीष विश्वास ने बताया कि पिछले मंगलवार को हुई बारिश के बाद अधिकांश घरों की छतों और बंद स्थानों पर पानी जमा हो गया है. उन्होंने कहा कि जिन जगहों की साफ-सफाई नहीं की जाती, वहां डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा पनप सकते हैं.
डॉ विश्वास ने बताया कि नगर निगम ने पूजा कमेटियों के लिए डेंगू रोकने की एडवाइजरी जारी की थी. इसके बावजूद अधिकांश कमेटियां इसे मानने में लापरवाह रही हैं. पूजा मंडपों में तैयार किये जाने वाले हजारों बांस की गांठों में पानी जमने से लार्वा पनप सकते हैं. प्रत्येक बांस की गांठ में 90 से 100 लार्वा पनप सकते हैं. अगर निर्माण के दौरान इन गांठों को कपड़े से ढक दिया जाता तो लार्वा नहीं पनपते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. लगातार बारिश के कारण बांस की गांठों में लार्वा पनप सकते हैं और इससे पूजा के बाद डेंगू के मामले बढ़ने का खतरा है.
निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस वर्ष एक जनवरी से 21 सितंबर तक महानगर में 662 लोग डेंगू के शिकार हो चुके हैं. वहीं, वर्ष 2023 में इसी अवधि में 4779 मामले सामने आये थे. यानी इस वर्ष डेंगू के मामले पिछले साल की तुलना में 86 प्रतिशत कम हैं. नगर निगम ने लोगों से अपील की है कि वे घर और मंडपों की साफ-सफाई का ध्यान रखें, पानी जमा न होने दें और सुरक्षा नियमों का पालन करें. निगम ने कहा कि पूजा के बाद बढ़े हुए डेंगू के खतरे को देखते हुए सभी श्रद्धालु सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में तुरंत नगरपालिका या स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क करें.
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