कोलकाता. पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) मुख्यालय का पिछले पांच दिन से घेराव कर रहे प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने योग्य अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित किये जाने के बाद शुक्रवार को अपना आंदोलन अस्थायी रूप से स्थगित करने और अपने विद्यालयों में लौटने का फैसला किया. इस संबंध में ‘योग्य शिक्षक मंच’ के एक नेता ने कहा कि यह कदम डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा लगभग 16,000 योग्य शिक्षकों की सूची जारी करने के बाद उठाया गया है. मंच के नेता धृतिश मंडल ने कहा : हम एसएससी मुख्यालय के समक्ष शुक्रवार से धरना वापस ले रहे हैं. हमारा विरोध मध्य कोलकाता में शहीद मीनार पर जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि मंच 2016 एसएससी परीक्षा के बाद भर्ती किये गये लगभग 26,000 शिक्षकों की नौकरियों को अमान्य करने वाले तीन अप्रैल के आदेश के संबंध में उच्चतम न्यायालय में दायर की जाने वाली पुनरीक्षण याचिका पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने कहा : यहां पूरे दिन खुले में बैठने से हमारे लिए कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करके याचिका तैयार करना मुश्किल हो जायेगा. हालांकि, शहीद मीनार पर धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक योग्य शिक्षकों को बहाल नहीं कर दिया जाता. एक अन्य शिक्षक शुभंकर घोष ने कहा कि डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा जारी सूची में 10 और शिक्षकों के नाम शामिल करने जैसी मांगों को लेकर विरोध जारी रहेगा. एसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने 10 नामों के छूट जाने को तकनीकी त्रुटि बताया था और नयी सूची जारी करने का वादा किया था. एक प्रदर्शनकारी शिक्षक ने कहा : हालांकि सूची जारी कर दी गयी है. भले ही वह अधूरी है और जिन शिक्षकों के नाम सूची में हैं, उनका अभी स्कूल लौट जाना समझदारी है. उच्चतम न्यायालय भी स्थिति पर नजर रख रहा है. हम अपनी शेष मांगों को लेकर गर्मी की छुट्टियों के दौरान अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे. इनमें 60 वर्ष की आयु तक बहाली और योग्य अभ्यर्थियों की पूरी सूची प्रकाशित करने की मांग शामिल है. शिक्षकों ने 21 अप्रैल को धरना शुरू किया था, जिसमें सेवानिवृत्ति की आयु तक स्कूलों में बहाली और 2016 एसएससी भर्ती में ‘दागी’ पाये गये अभ्यर्थियों को तत्काल हटाने की मांग की गयी थी. इसके साथ ही योग्य व बेदाग अभ्यर्थियों की नौकरी बहाल किये जाने को लेकर आंदोलन शुरू किया था.
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