हसनगंज प्रखंड स्थित बघुवाकोल गांव में रंग बिरंगे खेती के शौकीन प्रगतिशील किसान संजय सिंह ने एक बार फिर नई खेती की शुरुआत की है. उन्होंने अपने बगीचे में दर्जनों मौसमी फल का पौधा लगाएं हैं. जो तैयार होकर फल दे रहा है. इन दिनों पारम्परिक खेती छोड़ अब बागवानी पर ध्यान दे रहे हैं. उन्होंने अपने बागान में आम, ऑरेंज, अमरूद, अंजीर, स्टार फ्रूट, नींबू के साथ मौसमी के कई पेड़ लगा रखे हैं. मौसमी की खेती आम तौर पर बिहार राज्य में कम होती है. लेकिन जगरनाथपुर पंचायत के बधुवाकोल गांव स्थित भूमि में खेती की गई हैं.आज बेहतर उत्पादन के साथ अच्छी आमदनी का जरिया बना हुआ. पहली बार की गई खेती में अच्छा रिजल्ट आया है. यहां की मिट्टी और मौसम का अनुकूल लाभ मिलने से मौसमी में फुल और फल अच्छा आया है. अच्छा मिठास और रस भरा है. वैसे तो संजय सिंह विगत 20 साल से बागवानी में जुटे हुए हैं. पेड़ लगाना उनका बचपन से ही शौक रहा है. वह फल की खेतों को लेकर एक प्रगतिशील किसान की श्रेणी में आते हैं. वह अलग-अलग जगह पर जाकर जानकारी लेने के बाद पौधा खरीद लाते हैं. आज उनके पास कई प्रकार के नए नए पौधे हैं. मौसमी के पौधों की बात है तो किसान संजय सिंह के बागान में पेड़ हैं और इस वक्त हर एक पेड़ में फल लदा हुआ है. मौसमी की खेती बिहार में सबसे ज्यादा फायदेमंद है. इस पौधों के लिए अलग से कुछ भी प्रयास नहीं करने की जरूरत होती है. खेत से ही फल बिक जाते हैं. इसकी मांग काफी ज्यादा है. स्वीट माल्टा जिसको मौसमी कहा जाता है. यह एक नींबू प्रजाति का ही होता है. नींबू प्रजाति का कोई भी पौधा बिहार की मिट्टी में खूब फलता है. इसकी पैदावार ऐसी होती है कि छोटा सा पौधा में भी 50 से 100 की संख्या में उपज रहती है. इसकी मार्केटिंग के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होती है. इस की मांग यहां के बाजार में सालों भर रहता है. लोग इसका उपयोग जूस के रूप में लेता हैं. कहा कि मौसमी एक ऐसा फल होता है, जिसकी मांग हर समय रहती ही है, साथ ही इसकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है. यहां के अन्य किसानों को भी यह खेती करनी चाहिए. इस खेती से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

