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Samastipur News:कैसे सेहतमंद रहेंगे नौनिहाल, 65 फीसदी बच्चों की नहीं हुई स्वास्थ्य जांच

Samastipur News:समस्तीपुर : बेहतर पोषण प्राप्त करना सभी का समान अधिकार है. इसको लेकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, जिससे बच्चों में कुपोषण

Samastipur News:समस्तीपुर : बेहतर पोषण प्राप्त करना सभी का समान अधिकार है. इसको लेकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, जिससे बच्चों में कुपोषण खत्म किया जा सके. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कुपोषण को खत्म करने की कई चुनौतियां सामने आती रही हैं. पीएम पोषण योजना से लाभान्वित होने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच में समस्तीपुर पिछड़ गया है. समस्तीपुर में मात्र 35 % बच्चों का स्वास्थ्य जांच हुआ है. यह खुलासा शिक्षा विभाग द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट में हुआ है. यह स्थिति तब है जब पोषण के नाम पर सरकार के द्वारा हर माह लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं.

कुपोषण दूर करने के लिये लगातार कोशिशें की जा रही

कुपोषण दूर करने के लिये लगातार कोशिशें की जा रही है. हर वर्ष सितंबर में पोषण माह मनाया जाता है. विदित हो कि विगत वर्ष पोषण अभियान गतिविधि में समस्तीपुर जिला राज्य भर में शीर्ष पर था. डीपीओ एमडीएम सुमित कुमार सौरभ ने बताया कि पीएम पोषण योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों का जांच करना है. बच्चों की जांच कर फोलिक एसिड, आयरन और डी-वार्मिंग की खुराक देनी है. इधर अभिभावकों का कहना है कि इसकी माॅनिटरिंग नहीं किए जाने से बच्चों का स्वास्थ्य जांच प्रभावित हो रहा है. पोषण की इस कमी के कारण शिक्षा के परिणाम खराब होते हैं. सभी के लिए शिक्षा तक अप्रतिबंधित पहुंच, नामांकन में वृद्धि, पर्याप्त प्रतिधारण और स्कूली छात्रों के बीच उच्च उपलब्धि आवश्यक है. इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अच्छा पोषण समर्थन आवश्यक है. विभिन्न विद्यालयों के एचएम ने बताया कि पीएम पोषण योजना एक परिवर्तनकारी पहल रही है. अपनी उल्लेखनीय सफलताओं के बावजूद, इस योजना को अभी भी असंगत खाद्य गुणवत्ता, अपर्याप्त निधि और स्वच्छता संबंधी मुद्दों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसकी क्षमता को पूरी तरह से साकार करने के लिए, ऐसे सुधारों को लागू करना अनिवार्य है जो खाद्य मानकों में सुधार करते हैं, नियमित निगरानी सुनिश्चित करते हैं और रसोइयों को पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान करते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालयों के साथ संबंधों को मजबूत करना, शिकायत निवारण तंत्र को बढ़ाना और समुदाय और अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाना इस योजना के प्रभाव को और बढ़ायेगा. इन सुधारों के साथ, मध्याह्न भोजन योजना एक स्वस्थ, बेहतर शिक्षित पीढ़ी के पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, जो भारत को अधिक न्यायसंगत और समृद्ध भविष्य की ओर ले जायेगी. पीएम पोषण योजना में बच्चों को अब मूंगफली की चिक्की और मल्टीग्रेन (विभिन्न तरह के अनाजों और मेवे से बना) लड्डू दिए जायेंगे. शिक्षा मंत्रालय ने मध्याह्न भोजन में इन पौष्टिक आहार को शामिल करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसका उद्देश्य बच्चों को मिलने वाले भोजन में अतिरिक्त पूरक पोषण आहार देना है. इस फैसले से मध्याह्न भोजन योजना से लाभान्वित हो रहे स्कूलों के बच्चे लाभान्वित होंगे. मंत्रालय ने शिक्षा विभाग को इसी वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही तक इसे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. 8वीं कक्षा तक के बच्चों को चिक्की और मल्टीग्रेन लड्डू दिये जायेंगे. शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक स्कूलों में मेन्यू लागू किया गया है. सोमवार को बच्चों को चावल-तड़का, मंगलवार को चावल और सोयाबीन आलू की सब्जी, बुधवार को चावल व आलू-चने की सब्जी, गुरुवार को चावल, तड़का, शुक्रवार को चावल, चने की सब्जी, (मौसमी फल, अंडा) व शनिवार को खिचड़ी-चोखा दिया जा रहा है.

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