केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने झारखंड की टीम के साथ की जल जीवन मिशन की समीक्षा
प्रमुख संवाददाता, रांची.
झारखंड में जल जीवन मिशन के तहत चल रही हर घर नल जल योजना ठप पड़ गयी है. मंगलवार को नयी दिल्ली में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में वार्ता को लेकर गयी टीम ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की. साथ ही केंद्रांश के 6500 करोड़ रुपये अविलंब विमुक्त करने का आग्रह किया. इस दौरान नल जल योजना की प्रगति और उससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई.बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 से अब तक झारखंड को केंद्रांश की राशि नहीं मिल पायी है. इस वजह से नल जल योजना ठप पड़ गयी है. चालू वित्तीय वर्ष के पांच माह में लगभग 12 हजार घरों में ही नल जल का नया कनेक्शन दिया गया है. आधे से अधिक जिलों में काम पूरी तरह से ठप है. कई योजनाएं अधूरी पड़ी हैं. राज्य में कुल 62.53 लाख घर हैं. इसमें से 34.43 लाख घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया है, जो लगभग 55 प्रतिशत है. अभी 45 प्रतिशत घरों में नल जल योजना के तहत पाइपलाइन का कनेक्शन देना है. इस दौरान मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने राज्य में इस महत्वाकांक्षी योजना के सफल एवं समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए केंद्रांश की लंबित राशि अविलंब विमुक्त करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि समय पर राशि उपलब्ध होने से योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आयेगी और राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के आमजन को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा. मंत्री ने कहा कि स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस दिशा में केंद्र सरकार का सहयोग आवश्यक है. उन्होंने कहा कि समयबद्ध सहयोग से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होने के साथ-साथ जन स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा.
राशि शीघ्र विमुक्त करने व झारखंड को हर संभव मदद का मिला आश्वासन
केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने राज्यहित में शीघ्र राशि विमुक्त करने एवं झारखंड को हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया. इस दौरान मंत्री योगेंद्र प्रसाद के साथ जल जीवन मिशन के अभियान निदेशक रमेश घोलप, एसबीएम के मिशन निदेशक, विभाग के इंजीनियर इन चीफ, चीफ इंजीनियर समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
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