मेयर-पार्षद आमने-सामने, नगर निगम की बैठक में ”सत्ता” और ”विपक्ष” की जंग, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिखा वर्चस्व की लड़ाई
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
नगर निगम की बोर्ड बैठक उस वक्त सियासी अखाड़े में तब्दील हो गई, जब मेयर और पार्षदों के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई. बैठक में न सिर्फ मेयर और पार्षदों के बीच तनातनी दिखी, बल्कि पार्षदों के दो गुट भी आमने-सामने आ गये. एक तरफ, मेयर के समर्थक पार्षद थे, तो दूसरी तरफ विरोधी गुट के तेवर भी काफी तीखे थे. इस तकरार का केंद्र बिंदु बनीं पार्षद संघ की अध्यक्ष अर्चना पंडित. पहले उन्होंने अतिक्रमण के मुद्दे पर मेयर के खिलाफ आवाज उठाई, और फिर बैठक के दौरान उनका बदला हुआ रुख देखकर सभी हैरान रह गये. मेयर जहां मंच से बैठक चला रही थीं. वहीं, अर्चना पंडित नीचे से ही बार-बार विधायकों और पार्षदों को बोलने का मौका देने की वकालत कर रही थीं. उनकी इस दखलंदाजी पर मेयर और कुछ अन्य पार्षदों से उनकी कई बार तीखी बहस भी हुई. माहौल उस समय और गरमा गया जब विधायक विजेंद्र चौधरी और पार्षद कन्हैया प्रसाद के बीच जुबानी जंग छिड़ गई. अर्चना पंडित ने विधायक को बोलने के लिए उकसाया, तो वार्ड 23 के पार्षद कन्हैया प्रसाद ने बीच में ही उन्हें रोकते हुए कहा, “विधायक जी को विधानसभा में बोलना चाहिए, वहां तो कुछ बोल नहीं पाते हैं. वे वहीं बोलना चाहते हैं, जहां हम पार्षदों को मौका मिलता है. कन्हैया के समर्थन में मेयर निर्मला साहू भी दिखी. यह पूरा घटनाक्रम साफ दिखाता है कि नगर निगम की राजनीति में अब सिर्फ मुद्दों पर नहीं, बल्कि वर्चस्व की लड़ाई भी चल रही है. बुधवार को हुई मीटिंग महज एक बैठक नहीं, बल्कि विधानसभा चुनाव की बिगूल बजने से ठीक पहले की मीटिंग होने के कारण मेयर और पार्षदों के बीच शक्ति प्रदर्शन का मंच बन गई थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

