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इराक में फंसे 12 प्रवासी मजदूरों की स्वदेश वापसी के लिए केंद्र ने की पहल

इराक के बगदाद में काम करने गये पश्चिम बंगाल के 12 प्रवासी मजदूर कई महीनों से विषम हालात में फंसे हुए हैं.

वीजा समाप्त होने के बावजूद मजदूरों को भारत लौटने की अनुमति नहीं देने का आरोप

संवाददाता, कोलकाता

इराक के बगदाद में काम करने गये पश्चिम बंगाल के 12 प्रवासी मजदूर कई महीनों से विषम हालात में फंसे हुए हैं. आरोप है कि वीजा की अवधि खत्म होने के बावजूद उन्हें भारत लौटने की अनुमति नहीं दी गयी. मजदूरों का आरोप है कि उन्हें ठीक से खाना नहीं मिल रहा है. बीमार होने पर डॉक्टर के पास नहीं ले जाया जा रहा है. इसके अलावा, कई महीनों से उनका बकाया वेतन भी बकाया है. मामले का पता चलते ही राज्य प्रशासन ने तत्परता दिखायी. विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा गया. केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों के स्वदेश वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.

वीडियो में लगायी थी मदद की गुहार : इन मजदूरों ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था. उसमें उन्होंने कहा कि वे इराक में अत्याचार झेल रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से घर लौटाने की अपील की थी. वीडियो वायरल होने के बाद मजदूरों के परिजन चिंतित हो उठे और स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया.

एजेंट के जरिये इराक गये थे : करीब सात-आठ महीने पहले ये मजदूर एजेंट के जरिये इराक की एक कंपनी में काम करने गये थे. इनमें दक्षिण 24 परगना के नामखाना के आठ, काकद्वीप का एक, उस्ती का एक और पूर्व मेदिनीपुर जिले के दो मजदूर शामिल हैं. .

प्रशासन व विदेश मंत्रालय हरकत में : परिजनों की शिकायत पर सुंदरबन पुलिस जिले के अधिकारी तुरंत हरकत में आये. मुख्यमंत्री को भी बंगाल के प्रवासी मजदूरों के इराक में फंसे होने की जानकारी दी गयी. राज्य प्रशासन ने पूरे मामले से विदेश मंत्रालय को अवगत कराया. इसके बाद केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया. विदेश मंत्रालय के निर्देश पर इराक स्थित भारतीय दूतावास सक्रिय हुआ और मजदूरों से सीधा संपर्क साधा गया. प्रशासन ने साफ किया कि विदेश मंत्रालय की मदद से सभी मजदूरों को जल्द उनके घर लाया जायेगा.

परिवारों में उम्मीद : राज्य और केंद्र सरकारों की तत्परता से मजदूरों के परिवारों में उम्मीद जगी है. नामखाना के एक मजदूर की पत्नी ने कहा : कई महीनों से पति की कोई सही खबर नहीं थी. अब दूतावास संपर्क में है और घर लौटने की तैयारी चल रही है. लेकिन जब तक वह सामने नहीं आयेंगे, सुकून नहीं मिलेगा.

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