धनबाद.
रणधीर वर्मा चौक स्थित कृषि हाट बदहाल है. ग्राहकों के नहीं आने के कारण यहां की अधिकांश दुकानें बंद हो गयी हैं. यह परिसर अक्सर खाली पड़ा रहता है. ऐसे में आसपास के दुकानदार भी यहां कूड़ा फेंक देते हैं. वहीं जुआरियों व शराबियों का भी जमघट लगा रहता है. इसके खिलाफ न तो पुलिस प्रशासन कार्रवाई करता है और ना ही बाजार समिति प्रशासन. शाम ढलते ही यहां जुआरियों व शराबियों की महफिल सजने लगती है. ऐसे में कई बार यहां मारपीट की घटनाएं भी घट चुकी हैं. बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता है.2006 में हुआ था कृषि हाट का निर्माण :
दिव्यांगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 2006 में कृषि हाट का निर्माण किया गया था. कृषि हाट के अंदर कुल 62 व फ्रंट में 25 दुकानें बनायी गयी. हर दुकान की साइज मात्र 25 वर्ग फुट है. 2006 में सभी दुकानें आवंटित हो गयी. शुरू-शुरू में कृषि हाट के अंदर की दो-चार दुकानें खुलीं. ग्राहकों के नहीं आने के कारण धीरे-धीरे वह भी बंद हो गयीं. आज स्थिति यह है कि कृषि हाट के अंदर चारों तरफ कचरे का अंबार लगा है. शाम ढलते ही जुआरियों व शराबियों की महफिल सजती है. हालांकि फ्रंट की सभी 25 दुकानें आज भी नियमित चल रही हैं. फ्रंट की दुकानें जिनके नाम से आवंटित हैं, उनमें पचास फीसदी लोगों ने अपनी दुकानें बेच दी हैं.की जायेगी कार्रवाई
बाजार समिति के सचिव विपुल कुमार ने कहा कि कृषि हाट के दुकानदारों किराया जमा करने के लिए नोटिस दिया गया है. जिनके नाम पर दुकान आवंटित है, उन्हें ही कारोबार करना है. अगर आवंटित दुकानदार ने अपनी दुकान बेच दी है या भाड़े पर दे दिया है, तो वैसे दुकानदारों पर कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है