संवाददाता, देवघर . समय पर भू-अर्जन नहीं होने से फिलहाल देवघर रिंग रोड का काम लटक गया है. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भू-अर्जन विभाग को देवघर रिंग रोड में भूमि अधिग्रहण के लिए मार्च में कुल 219 करोड़ रुपये मुहैया कराया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के गाइडलाइन के अनुसार कुल 219 करोड़ में अब तक भू-अर्जन विभाग को 180 करोड़ रुपये जमीन के रैयतों के बीच मुआवजा राशि का भुगतान कर देना था, लेकिन विभाग 180 करोड़ में अब तक 30 फीसदी भी भुगतान नहीं कर पायी है. एनएचएआइ के अनुसार देवघर रिंग रोड में अब तक महज 33 करोड़ रुपये रैयतों के बीच दिये गये है. मंत्रालय की नयी गाइडलाइन व पावर मैक कंपनी के साथ एग्रीमेंट के अनुसार छह महीने के अंदर 90 फीसदी भू-अर्जन होने के बाद ही निर्माण कार्य चालू हो जायेगा. अगर छह महीने के अंदर कंपनी को 90 फीसदी जमीन काम करने के लिए मुहैया नहीं हो पायी तो एनएचएआइ की ओर से कंपनी को जुर्माना देना पड़ सकता है. देवघर व मोहनपुर अंचल से करीब एक दर्जन मौजा की पारिवारिक सूची, ग्राम सभा, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, सत्यापन व वाउचर सहित आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है, बावजूद अभी भुगतान की फाइलें कार्यालय में लंबित है.
महीनों से फाइलें रुकी है, रैयतों को लगाना पड़ रहा चक्कर
कई रैयतों की पारिवारिक सूची, उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी रैयतों को मुआवजा के लिए भू-अर्जन कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. महीनों से फाइलें रुकी हुई है. बताया जाता है कि भू-अर्जन कार्यालय में बिचौलिये का हावी होना भी इस कारण है. भू-अर्जन कार्यालय में कई ऐसे कर्मी हैं, जिनके पास अधिक फाइल है. सही ढंग से कार्यों का बंटवारा नहीं होने से कार्य का अधिक बोझ हो गया है, जिससे भी काम रुक रहा है.देवघर रिंग रोड के लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय से कुल 84 मौजा में 727 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया जाना है. देवघर रिंग रोड में 226 एकड़ सरकारी भूमि पर काम होगा. इस प्रोजेक्ट कुल 400 करोड़ रुपये मुआवजा राशि का भुगतान किया जाना है. हालांकि एनएचएआइ ने रिंग रोड के अलानमेंट में थोड़ा बदलाव कर फिर से कुछ अधिक भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव भू-अर्जन विभाग को दिया है, जिस वजह से भी नये प्रस्ताव में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया विलंब से चालू हुई है.समय पर रिंग रोड तैयार करना चुनौती
भू-अर्जन में देरी की वजह से देवघर रिंग रोड का निर्माण भी समय पर पूरा करना चुनौती बन जायेगा. एचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीआर पांडेय ने भू-अर्जन पदाधिकारी को बार-बार पत्र लिखकर देवघर रिंग रोड का भू-अर्जन कर भूमि जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. देवघर रिंग रोड में पहले चरण में दर्दमारा बिहार सीमा से रिखिया होते हुए मोहनपुर हिंडोलावरण तक काम चालू किया जायेगा, दूसरे चरण देवघर अंचल में काम चालू किया जायेगा. कुल 65 किलोमीटर लंबी देवघर बाइपास दो वर्ष में पूरा करना है.*219 करोड़ में अब तक 33 करोड़ मुआवजे राशि का हो पाया है भुगतान*90 फीसदी भू-अर्जन होने के बाद ही चालू हो पायेगा काम
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