बोकारो, सरना समाज की ओर से शनिवार को सेक्टर आठ स्थित सरना स्थल पर विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन किया गया. आयोजन शांति पूर्वक तरीके से मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर हुई. साथ ही भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, जयपाल सिंह मुंडा, स्व कार्तिक बाबा, सुगनी दाई को भी याद किया गया. वक्ताओं ने कहा कि अपनी संस्कृति की पहचान बनाये रखने के लिए हम सभी को शपथ लेने की जरूरत है. आदिवासी धरती माता के मूल निवासी है. जल, जंगल व जमीन को सुरक्षित रखने की जरूरत है. धरती हमारी धरोहर है. यहीं से हमें जीवन प्राप्त हुआ है. इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सभी की है.
शिबू सोरेन के निधन से अनाथ हो गया झारखंड
वक्ताओं ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंड के निर्माता व देश के गौरव थे. उनके निधन से झारखंड अनाथ हो गया है. अपने पूरे जीवन काल में स्व सोरेन आदिवासियों के हक व अधिकार के लिए झारखंड के जंगलों से संसद के गलियारों तक अपनी बुलंद आवाज को रखने में सफल रहे.इनका रहा योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में सरना समाज की उपाध्यक्ष मीना बाखला, ज्योतिका भगत, कोषाध्यक्ष विकास एक्का, विजय तिर्की, श्रीचंद उरांव, डॉ राजश्री रानी, सूरज बाखला, आकाश बाखला, रवि, अघनू उरांव, नेव्तोन उरांव, आरती, आरती देवी, आशा हेंब्रम, मनोहर हेंब्रम, सुनील उरांव, सोहाद्री उरांव, मंजू उरांव, बलदेव उरांव, सुषमा उरांव, मनीषा हेंब्रम, प्रियंका उरांव, बिंदु उरांव, बिंदेश उरांव, अजय कच्छप , पवनउरांव, जय मंगल उरांव, भीबू उरांव आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

