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बैंकों से कर्ज लेनेवाले 61 हजार किसानों का पता नहीं

मनोज सिंह (रांची).

कृषि विभाग को कृषि ऋण(केसीसी) लेनेवाले 61,226 किसानों का पता-ठिकाना नहीं मिल पा रहा है. राज्य सरकार की ‘कृषि ऋण माफी योजना’ का लाभ देने के लिए

मनोज सिंह (रांची).

कृषि विभाग को कृषि ऋण(केसीसी) लेनेवाले 61,226 किसानों का पता-ठिकाना नहीं मिल पा रहा है. राज्य सरकार की ‘कृषि ऋण माफी योजना’ का लाभ देने के लिए विभाग ने बैंकों से इन किसानों को चिह्नित करने का आग्रह किया है, लेकिन बैंक भी इस मामले में हाथ खड़ा कर चुके हैं. ऐसे में यह पता नहीं चल पा रहा है कि इन किसानों को बैंकों ने कितना ऋण दिया है? गौरतलब है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार ने पहली कैबिनेट में ही किसानों का ऋण माफ करने का निर्णय लिया था. इसके लिए संबंधित बैंकों से उन किसानों का डाटा मांगा गया था, जिनका बकाया 50 हजार रुपये है. बैंकों ने 31 मार्च 2020 तक को कटऑफ डेट मानते हुए बताया था कि राज्य में करीब नौ लाख किसानों का 50 हजार से कम ऋण बकाया है. इसी के आलोक में राज्य सरकार ने ऋण माफी की योजना शुरू की. 14 दिसंबर 2022 को फिर बैंकों ने कृषि विभाग को बताया कि राज्य में 50 हजार से कम ऋण वाले करीब आठ लाख किसान हैं. 31 दिसंबर 2023 को बैंकों ने कृषि विभाग को बताया कि सभी तरह की जांच के बाद पता चला कि राज्य में 6.54 लाख किसान ही ऋण माफी के योग्य हैं. इसके बाद राज्य सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया कि सभी किसानों का ऑन ई-केवाइसी करें. जब ई-केवाइसी होने लगा, तो 4.72 लाख किसानों का ही ई-केवाइसी हो सका है. शेष किसान सामने नहीं आ रहे हैं.

कुल 5.20 लाख किसानों को ऋण माफी के योग्य पाया गया :

इससे पहले राज्य सरकार ने ऑफलाइन केवाइसी भी कराया था. इसमें करीब 48200 किसानों का केवाइसी किया गया था. ऑनलाइन और ऑफलाइन केवाइसी मिलाकर कुल 5.20 लाख किसानों को ऋण माफी के योग्य पाया है. इस पर राज्य सरकार ने 1900 करोड़ रुपये खर्च कर दिये. इसके बाद कृषि विभाग ने शेष 1.34 लाख किसानों का ई-केवाइसी करने का आदेश बैंकों को दिया है. अब बैंकों ने हाथ खड़े कर दिये हैं. बैंकों का कहना है कि इसमें करीब 72 हजार किसान वैसे हैं, जो या तो फर्जी हैं या जिनके दो-दो केवाइसी थे, जिसमें एक का लाभ किसान ले चुके हैं. अब कृषि विभाग ने शेष 61 हजार किसानों का हिसाब मांगा है, जो बैंक नहीं दे पा रहे हैं.

कुछ बैंकों ने किया है ऑफलाइन ऋण माफी का आग्रह :

कृषि विभाग के साथ हुई बैठक में कुछ बैंकों ने आग्रह किया है कि ऋण माफी के लिए ऑफलाइन केवाइसी की अनुमति दी जाये. लेकिन, राज्य के वरीय अधिकारियों ने इससे साफ इनकार कर दिया. उनका कहना था कि ऑफलाइन केवाइसी की अनुमति मिलने से वित्तीय गड़बड़ी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

50 हजार रुपये तक हुआ है ऋण माफ :

कृषि विभाग ने बैंकों से 50 हजार रुपये तक ऋण लेनेवाले स्टैंडर्ड खाताधारियों का ऋण माफ किया है. इसके लिए आधार, बैंक खाता और राशन कार्ड के साथ ई-केवाइसी किया गया है. सरकार ने तय किया था कि 31 मार्च 2020 से पहले तक का कृषि ऋण माफ किया जायेगा. इसके लिए सरकार ने कुछ मापदंड भी तय किये थे.

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