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Vidur Niti: जीवन में सुखी रहने के ये हैं 6 मूलमंत्र, इंसान धरती पर जीता है स्वर्ग जैसी जिंदगी

Vidur Niti: विदुर की नीतियां आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी महाभारत काल में थी. जो भी व्यक्ति इन नीतियों का अनुसरण करता है, वह जिंदगी जीने की कला सीख जाता है.

Vidur Niti: महाभारत महाकाव्य में महात्मा विदुर प्रमुख पात्र हैं. उन्हें बाहुबल के बजाय बुद्धि के बल से ज्यादा याद किया जाता है. वे धृतराष्ट्र और पांडु के भाई भले थे लेकिन उनका जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था. राजनीतिक कुशलता और नीतिशास्त्री होने की वजह से विदुर को हस्तिनापुर का प्रधानमंत्री नियुक्ति किया गया था. उनकी नीतियों का संग्रह आज के समय में विदुर नीति के नाम से मशहूर है. इसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर नीतियां बताई गई हैं. ये नीतियां आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी महाभारत काल में थी. जो भी व्यक्ति इन नीतियों का अनुसरण करता है, वह जिंदगी जीने की कला सीख जाता है. ये लोगों को प्रेरणा देने का काम करती हैं. साथ ही इसमें बताई गई नीतियां व्यक्ति को मानवता के उच्च आदर्शों को समझने में मदद करती हैं. उन्होंने जीवन में सुखी रहने का राज भी बताया है. उन्होंने धरती के 6 सुखों का वर्णन किया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये सुख कौन-कौन से हैं.

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निरोगी होना

विदुर नीति के अनुसार, व्यक्ति का निरोगी होना होना बहुत जरूरी होता है. जिस व्यक्ति को किसी भी तरह की बीमारी न हो और उसके साथ रहने वाले लोग निरोगी हो, उसे धरती का सुख मिल जाता है. ऐसे में व्यक्ति को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है.

ऋण से मुक्त होना

महात्मा विदुर कहते हैं कि जो व्यक्ति ऋण की बोझ तले दबा होता है, उसे धरती पर सुख नहीं मिल पाता है. वह हमेशा चिंता में ही जिंदगी बिताता है. ऐसे मनुष्य हर समय परेशान ही नजर आते हैं. अगर आपने सही समय पर ऋण नहीं चुकाते हैं, तो यह आपकी छवि को खराब करता है.

परदेश में न रहने वाला

वर्तमान समय में एक स्वस्थ जिंदगी जीने के लिए पैसा होना बहुत जरूरी है. ऐसे में पैसे कमाने के लिए व्यक्ति को घर बार छोड़कर दूसरी जगह पर जाना पड़ता है. ऐसे ही लोगों के लिए विदुर नीति में लिखा गया है कि जो लोग परदेश में रहते हैं उन्हें धरती का सुख नहीं मिल पाता है, क्योंकि ऐसे लोगों को अपने घर-परिवार से दूर रहना पड़ता है.

आमदनी से खुश रहने वाला

विदुर नीति के मुताबिक, अपनी आमदनी से खुश रहने वाला इंसान वास्तव में सुखी जीवन जीता है. जो व्यक्ति लालची स्वभाव का होता है, वह अपनी आमदनी से सुखी नहीं रहता है. आमदनी बढ़ाने के लिए वह गलत रास्ते पर निकल जाता है, जिसकी वजह से उसे भविष्य में परेशानी झेलनी पड़ती है.

निडर होकर जीवन जीना

महात्मा विदुर कहते हैं कि जो व्यक्ति निडर होकर जीवन जीता है, उसे धरती के सारे सुख मिल जाते हैं. जो व्यक्ति साहसी नहीं होता है, कठिन परिस्थिति आने पर घबरा जाता है, तो वह जीवन का आनंद नहीं उठा पाता है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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