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Vidur Niti: व्यक्ति को विनाश की ओर धकेलती है ये आदतें – कौरवों के पतन का कारण बनी विदुर की ये 5 बातें

क्या आप जानते हैं कौरवों के विनाश के पीछे विदुर नीति की कौन-सी 5 बातें जिम्मेदार थीं?

Vidur Niti: महाभारत में विदुर नीति का विशेष महत्व बताया गया है. विदुर अपनी बुद्धिमत्ता, नीतियों और न्यायप्रिय विचारों के लिए जाने जाते थे. उन्होंने कौरवों को कई बार धर्म और नीति के मार्ग पर चलने की सलाह दी, लेकिन दुर्योधन ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया. विदुर के अनुसार कौरवों का पतन उनके ही गलत आचरण और दोषपूर्ण स्वभाव के कारण हुआ. आइए जानते हैं वे 5 बातें जो विदुर नीति में कौरवों के पतन का कारण बनीं.

Vidur Niti: कौरवों के पतन का कारण बनी विदुर की ये 5 बातें

जो व्यक्ति अपने दोषों को नहीं पहचानता और दूसरों की सही बात को भी नकार देता है, उसका विनाश निश्चित है.
विदुर नीति

Vidur Niti Quotes: व्यक्ति को विनाश की ओर धकेलती है ये 5 आदतें

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Vidur niti: व्यक्ति को विनाश की ओर धकेलती है ये आदतें - कौरवों के पतन का कारण बनी विदुर की ये 5 बातें 3

1. काम, क्रोध और लोभ

विदुर ने कहा था कि काम, क्रोध और लोभ मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु हैं. दुर्योधन और कौरव इन्हीं दोषों में उलझे रहे. सत्ता पाने की लालसा, पांडवों से ईर्ष्या और क्रोध ने उनके विवेक को नष्ट कर दिया, जिसका परिणाम महाभारत युद्ध के रूप में सामने आया.

2. ईर्ष्या

ईर्ष्या मनुष्य को अंदर से खोखला कर देती है. कौरव हमेशा पांडवों की सफलता से जलते रहे. उन्होंने बार-बार उनके विरुद्ध षड्यंत्र रचे. यही ईर्ष्या उनकी हार और विनाश का सबसे बड़ा कारण बनी.

3. विश्वास न करना

विदुर ने समझाया था कि बिना कारण अविश्वास करना और सच्चे मित्रों की बात को न मानना खतरनाक होता है. लेकिन दुर्योधन ने न तो भीष्म और द्रोण जैसे बड़ों पर भरोसा किया और न ही विदुर की नीतियों को स्वीकारा. इस अविश्वास ने कौरवों को कमजोर कर दिया.

4. झूठी प्रशंसा में रहना

दुर्योधन हमेशा उन लोगों से घिरा रहा जो उसकी झूठी तारीफ करते थे. शक्कुनी जैसे धूर्त व्यक्ति की बातों में आकर उसने सच्चाई से मुंह मोड़ लिया. विदुर के अनुसार झूठी प्रशंसा सुनकर खुश होना और उस पर भरोसा करना व्यक्ति को पतन की ओर ले जाता है.

5. सत्य को न स्वीकारना

विदुर ने कहा था कि सत्य चाहे कितना भी कठोर हो, उसे स्वीकार करना चाहिए. लेकिन कौरवों ने सत्य को नकार दिया और अन्याय का साथ दिया. सत्य की अवहेलना ही उनके विनाश का मूल कारण बनी.

विदुर नीति से हमें यह सीख मिलती है कि काम, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या, अविश्वास, झूठी प्रशंसा और असत्य को अपनाने से व्यक्ति का पतन निश्चित है. कौरवों का उदाहरण इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Pratishtha Pawar
Pratishtha Pawar
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