Vidur Niti: जीवन में धन का महत्व सबको पता है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है पैसों का सही लेन-देन. महाभारत के विदुर नीति में ऐसी कई बातें बताई गई हैं जो आज भी प्रासंगिक हैं. खासकर धन उधार देने और लेने के विषय में विदुर की नीतियां स्पष्ट दिशा दिखाती हैं.
Vidur Niti in Hindi: महात्मा विदुर के विचार विचार हिन्दी में
विदुर कहते हैं –
जो लोग दूसरों की निंदा में लगे रहते हैं, दूसरों को दुख देने और आपस में फूट डालने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं, ऐसे लोगों से धन लेने में बड़ा दोष है और देने में भय.
इसका अर्थ है कि हमें ऐसे लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि उनसे किया गया कोई भी आर्थिक व्यवहार भविष्य में गंभीर समस्या खड़ी कर सकता है.
किनसे कभी उधार नहीं लेना चाहिए और क्यों?

- निंदक और चुगलखोर से –
ऐसे लोग दूसरों की बुराई फैलाते हैं. उनसे उधार लेने पर आपकी छवि खराब हो सकती है और विवाद खड़े हो सकते हैं. - दूसरों को दुख पहुंचाने वाले से –
जो लोग जानबूझकर दूसरों को कष्ट देते हैं, उनसे उधार लेना आपके जीवन में भी दुख और कलह ला सकता है. - फूट डालने वाले से –
जो लोग लोगों के बीच संबंध बिगाड़ने का काम करते हैं, उनके पास जाने से परिवार या रिश्तों में तनाव आ सकता है. - स्वार्थी और लालची व्यक्ति से –
ऐसे लोग सिर्फ अपने हित देखते हैं. उनसे लिया गया पैसा आपको मानसिक दबाव और सामाजिक अपमान दे सकता है.
क्यों जरूरी है विदुर नीति मानना?
धन का संबंध केवल आर्थिक नहीं बल्कि मानसिक और सामाजिक शांति से भी जुड़ा है. गलत व्यक्ति से उधार लेने या देने पर आप अनचाही परेशानियों में फंस सकते हैं. विदुर की यह शिक्षा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, क्योंकि यह हमें सिखाती है कि पैसों का लेन-देन केवल भरोसेमंद और सद्गुणी लोगों के साथ ही करना चाहिए.
विदुर नीति हमें सिखाती है कि धन लेन-देन के समय केवल पैसों पर नहीं, बल्कि व्यक्ति के स्वभाव और उसके कर्मों पर भी ध्यान देना चाहिए. वरना उधार आपके लिए वरदान के बजाय अभिशाप बन सकता है.
Also Read: Vidur Niti: रोज नहाने से मिलते हैं ये 10 गजब के फायदे, सुंदर स्त्री भी है इसमें शामिल
Also Read: Vidur Niti: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करती हैं ये 7 आदतें – क्या आपमें है ये आदतें
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

