Vastu Tips: आज के समय में अगर देखा जाए बच्चों की पढ़ाई और करियर हर माता-पिता के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बन चुका है. बच्चे जीवन में अच्छा करें इसके लिए सिर्फ यह जरूरी नहीं है कि वे एक अच्छे स्कूल में पढ़ाई करें और मेहनत करें. बच्चे जीवन में अच्छा करे इसके लिए यह भी काफी जरूरी हो जाता है कि उनके आसपास का वातावरण, कमरे की दिशा और घर में पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो सही तरीके से हो. वास्तु शास्त्र हमें बताता है कि कैसे सही दिशा, सजावट, रंग और कमरे का लेआउट बच्चों के फोकस, मेमोरी पावर और मेंटल डेवलपमेंट को बढ़ा सकता है. अगर आप अपने बच्चों की पढ़ाई और करियर में सुधार चाहते हैं, तो कुछ छोटे-छोटे वास्तु बदलाव और टिप्स अपनाकर आप उनके लिए एक पॉजिटिव और मोटिवेटिंग एनवायरनमेंट तैयार कर सकते हैं, जो उनकी सफलता को आसान बनाएगा. चलिए इन टिप्स के बारे में विस्तार से जानते हैं.
स्टडी रूम की सही दिशा
वास्तु के जानकारों के अनुसार बच्चों का स्टडी रूम उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इस दिशा में पॉजिटिव एनर्जी ज्यादा रहती है और बच्चों का मन पढ़ाई में ज्यादा फोकस्ड रहता है. बच्चों का स्टडी टेबल हमेशा दीवार की ओर लगाएं और बच्चे को हमेशा पूर्व या उत्तर की दिशा में बैठाकर पढ़ाई कराएं. इससे उनकी मेमोरी और चीजों को समझने की कैपिसिटी बढ़ती है.
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स्टडी टेबल और कुर्सी का प्लेसमेंट
वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी टेबल और कुर्सी का सही प्लेसमेंट भी जीवन में तरक्की और पढ़ाई में मन लगने के लिए काफी जरूरी है. टेबल को गलती से भी बिखरा हुआ न रहने दें और साथ ही किताबों और स्टेशनरी को भी व्यवस्थित रहें. इस बात का ख्याल भी रखें कि कुर्सी हमेशा आरामदायक हो और बच्चे की पीठ सीधे रहे. कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करते समय डिवाइस की स्क्रीन आंखों के लेवल पर हो.
कमरे का रंग और सजावट
वास्तु के जानकारों के अनुसार स्टडी रूम के लिए हल्के और पॉजिटिव रंग जैसे हरा, स्काई ब्लू या पीला चुनें. ये रंग बच्चों के मन को शांत और फोकस्ड रखते हैं. कमरे में मोटिवेशनल पोस्टर या शॉर्ट मोटिवेशनल कोट्स लगाए जा सकते हैं. ध्यान रखें कि कमरे में अनावश्यक खिलौने और रंग-बिरंगे आइटम ध्यान भटकाने वाले न हों.
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लाइट और हवा का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम में सही मात्रा में नेचुरल लाइट और फ्रेश ऑक्सीजन होनी चाहिए. खिड़कियों से आने वाली हल्की धूप बच्चों के शरीर और दिमाग के लिए फायदेमंद होती है. अगर नेचुरल लाइट कम है, तो अच्छी क्वालिटी वाले टेबल लैंप का इस्तेमाल करें. हवा और लाइट की सही मात्रा बच्चों की एनर्जी को बनाए रखती है और पढ़ाई में मन लगाता है.
उत्तर-पश्चिम कोनों का इस्तेमाल
वास्तु शाश्त्र के अनुसार बच्चों के कमरे के उत्तर-पश्चिम कोने में कोई भारी सामान या अलमारी नहीं रखनी चाहिए. इस कोने को हमेशा खाली और साफ रखना चाहिए. जब आप ऐसा करते हैं तो बच्चों की सोच और फैसला लेने की कैपिसिटी बेहतर होती है.
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सही दिशा
अगर बच्चे लैपटॉप या कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, तो उसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें. मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज बच्चों के बगल में या बिस्तर के पास न रखें. ऐसा करने से फोकस और नींद दोनों में सुधार होता है.
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