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Kanha national park travel : एमपी का यह टाइगर रिजर्व सेलिब्रिटी को है खासा पसंद, जानें क्या है यहां खास

आप अगर वन्यजीव और प्रकृति प्रेमी हैं, तो मध्य प्रदेश का कान्हा टाइगर रिजर्व आपके लिए एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है...

Kanha national park travel : अभिनेता रणदीप हुड्डा ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में एक वीडियो साझा किया है, जिसमें वह अपनी पत्नी लिन लैशराम के साथ जंगल सफारी का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं. ये खूबसूरत जंगल है अजब-गजब एमपी का कान्हा टाइगर रिजर्व. मध्य प्रदेश के मंडला/ बालाघाट जिले में स्थित कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे बेहतरीन बाघ अभयारण्य माना जाता है. प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर कान्हा के जंगल में अक्सर सेलिब्रिटी आते रहते हैं.

धोनी भी कर चुके हैं यहां जंगल सफारी

विश्व क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर के रूप में प्रसिद्ध महेंद्र सिंह धोनी 2020 में अपनी पत्नी साक्षी एवं कई अन्य दोस्तों के साथ कान्हा टाइगर रिजर्व आये थे. उन्होंने यहां लंबी सफारी का लुत्फ उठाया था. इसके साथ ही एक दिन के लिए जंगल में कैंपिंग का भी आनंद लिया था. यहां उन्हें टाइगर से रूबरू होने का मौका मिला था, जिसकी तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया में भी साझा की थी. बीते कई वर्षों से पर्यावरण और जंगली जीव-जंतुओं के संरक्षण के जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय दिया मिर्जा कान्हा के जंगलों में आ चुकी हैं. सोनम कपूर और रिया कपूर को यह नेशनल पार्क बेहद पसंद है. अभिनेत्री रवीना टंडन भी बीते वर्ष तीन दिन के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व आयी थीं.

क्यों है यह राष्ट्रीय उद्यान खास

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Kanha national park travel : एमपी का यह टाइगर रिजर्व सेलिब्रिटी को है खासा पसंद, जानें क्या है यहां खास 2


मध्य प्रदेश के सतपुड़ा की मैकल श्रृखंला में बसा यह राष्ट्रीय उद्यान 1 जून, 1955 को नेशनल पार्क बनाया गया था और 1973 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान 940 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है. बफर और कोर जोन को मिलाकर कान्हा टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1945 वर्ग किमी है. ऊंचे बांस और साल के पेड़, दूर तक फैले घास के मैदान, जंगल के बीच बहनेवाली छोटी छोटी धाराएं इस जगह को मनमोहक बनाती हैं. कान्हा, भारत के सबसे पुराने वन्यजीव क्षेत्रों में से एक है और देश के सबसे अच्छे प्रबंधित जंगलों में से एक होने की प्रतिष्ठा रखता है. पिछले दशक में, यह भारत के सबसे सफल वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में से एक में बारासिंघा (दलदल हिरण की एक प्रजाति) को विलुप्त होने के कगार से वापस लाया है. दिसंबर 2014 की जनगणना के अनुसार, पार्क 78 बाघों का घर है, जो राज्य के पांच प्रमुख बाघ अभयारण्यों में सबसे अधिक संख्या है. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों के लिए आदर्श घर है. यहां शक्तिशाली बाघों से लेकर सबसे अधिक आबादी वाले बारहसिंघा, पक्षियों, सरीसृपों और कीड़ों की अनगिनत प्रजातियां पायी जाती हैं. यहां का बमनी दादर, जिसे सनसेट प्वाइंट के रूप में भी जाना जाता है, एक शानदार जगह है.

कान्हा जाने का सबसे सही समय


वैसे तो आप पूरे साल कभी भी कान्हा उद्यान जा सकते हैं, लेकिन वन्यजीव प्रेमियों के लिए विशेष रूप से अक्तूबर से जून के महीनों के दौरान यहां जाना बेहतर होता है. यह टाइगर रिजर्व उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में आता है, इसलिए यह जंगली जीवों की झलक देखने के लिए सबसे आदर्श समय माना जाता है.

जानें कैसे पहुंच सकते हैं यहां 

कान्हा के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जबलपुर एवं गोंदिया हैं. जबलपुर से वाया रोड यहां आने में चार घंटे एवं गोंदिया से तीन घंटे लगते हैं. आप अगर नागपुर या रायपुर पहुंच कर रोड के रास्ते यहां आना चाहेंगे, तो आपको पांच घंटे लगेंगे. आमतौर पर लोग दिल्ली से जबलपुर तक रेल या हवाई मार्ग से पहुंच कर वाया रोड साढे तीन से चार घंटे की यात्रा कर कान्हा टाइगर रिजर्व पहुंचते हैं. कान्हा टाइगर रिजर्व के दो मुख्य द्वार हैं खटिया और मुक्की, अधिकांश रिजॉर्ट और होटल इन्हीं गेट के आस-पास हैं. 

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