Most Powerful Bow: भारत के हिंदू महाकाव्यों में सारंग, कोदंड, गांडीव, विजय, पिनाक समेत कई धनुषों का वर्णन मिलता है. इन्हें काफी शक्तिशाली धनुष बताया गया है. इन धनुषों के कारण इनके धारक की शक्ति काफी बढ़ जाती थी. जैसे भगवान राम के पास कोदंड धनुष था. महाकाव्य रामायण में वर्णन है कि कोदंड बहुत मजबूत, कठोर और बड़ा धनुष था जिस पर प्रत्यंचा चढ़ाना भगवान राम जैसे योद्धा के ही वश में था. उसकी तरह अर्जुन का गांडीव धनुष भी बेहद कठोर और भारी था. अर्जुन जैसे शक्तिशाली योद्धा ही इसे धारण कर सकते थे.
तीर धनुष उस जमाने में प्रमुख हथियार थे
हिन्दू महाकाव्यों में सबसे प्रमुख अस्त्रों में तीर धनुष को रखा गया है. रामायण में भगवान राम की धर्नुविद्या का जिक्र है. उनका प्रमुख हथियार भी धनुष और बाण था. महाभारत में अर्जुन को सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बताया गया है. रामायण और महाभारत दोनों महाकाव्यों में अधिकतर श्रेष्ठ योद्धा धर्नुविद्या के ज्ञाता थे. इनके पास इनका एक विशेष धनुष हुआ करता था, जैसे भगवान राम के पास कोदंड और अर्जुन के पास गांडीव धनुष था. उसी तरह कई और योद्धाओं के पास उनका अपना विशेष धनुष था. कर्ण के पास विजय धनुष था.
महाकाव्य के पांच शक्तिशाली धनुष
सारंग, कोदंड, गांडीव, विजय और पिनाक धनुष ये हिंदू महाकाव्यों में वर्णित पांच सबसे शक्तिशाली धनुष हैं. इनमें हर धनुष की अपनी अनूठी ताकत और विशेषता थी, जो अपने धारक की मारक शक्ति को कई गुना बढ़ा देती थी. महाभारत में वर्णन किया गया है कि गांडीव और विजय धनुष से छोड़े गए बाण काफी वेग से आगे बढ़ते थे. ऐसे में अगर बात हो कि इन पांचों धनुषों में कौन सबसे शक्तिशाली धनुष है तो पहले इनकी विशेषता जाननी होगी.

पिनाक धनुष
पिनाक धनुष भगवान शिव का धनुष है. मान्यता है कि इसे भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था. यह भी कहा जाता है कि इसी धनुष से भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था. यह धनुष इतना शक्तिशाली था कि यह भगवान शिव की ऊर्जा को संभाल सकता था.
सारंग धनुष
सारंग धनुष भगवान विष्णु का प्रिय धनुष है. इसे भगवान विष्णु ने अपने कृष्ण अवतार में भी धारण किया था. यह भी पिनाक की तरह ही काफी ताकतवर धनुष माना जाता है. यह इतना शक्तिशाली था कि केवल भगवान विष्णु या उनके अवतार ही इसे संभाल सकते थे. भगवान कृष्ण ने इसका कई बार युद्धों में इस्तेमाल किया था.

कोदंड धनुष
भगवान राम के धनुष का नाम कोदंड था. स्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस में इस धनुष का कई बार जिक्र किया गया है. भगवान राम ने रावण, कुंभकर्ण समेत कई राक्षसों के नाश के लिए इसी धनुष का इस्तेमाल किया था. मान्यता है कि यह बहुत कठोर बांस का बना था, इसी कारण इसका नाम कोदंड पड़ा. समुद्र सुखाने के लिए भगवान राम ने कोदंड धनुष पर ही ब्रह्मास्त्र का संधान किया था. मान्यता है कि यह साढ़े पांच हाथ लंबा था और करीब 100 किलो वजनी था. दक्षिण भारत में भगवान राम के कोदंड स्वरूप की पूजा भी की जाती है.
गांडीव धनुष
महाभारत महाकाव्य में अर्जुन के खास धनुष गंडीव का कई बार जिक्र हुआ है. मान्यता है कि इस धनुष को अग्निदेव ने अर्जुन को भेंट किया था. यह अजेय धनुष का निशाना बहुत सटीक था और तीव्र वेग से यह प्रहार करता था. इसकी प्रत्यंचा इतनी कड़ी थी अर्जुन जैसा शक्तिशाली और संवारा हुआ योद्धा ही इसे धनुष में चढ़ा पाता था. गांडीव की गर्जना से शत्रु थर्रा जाते थे. अर्जुन ने इस धनुष के सहारे कई युद्ध जीते थे, जिसमें महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध भी शामिल है.
विजय धनुष
महाभारत में गांडीव के अलावा एक और धनुष का जिक्र है. इस धनुष का नाम विजय है. इस धनुष को परशुराम ने कर्ण को दिया था. मान्यता है कि गांडीव की तरह ही इसे भी विश्वकर्मा ने बनाया था. यह धनुष भी अजेय माना जाता था. इसी कारण इसका नाम विजय रखा गया था.
सबसे ताकतवर धनुष कौन?
यह स्पष्ट तौर पर कहना काफी मुश्किल है कि कौन धनुष सबसे शक्तिशाली है. क्योंकि धनुष की ताकत के साथ-साथ उसके धारक की शक्ति भी धनुष के बल का निर्धारण करती है. मान्यताओं के अनुसार पिनाक और सारंग को सबसे ताकतवर धनुष माना जाता है. क्योंकि ये दोनो भगवान शिव और भगवान विष्णु के तेज को वहन करते हैं. इसके अलावा धरती के ताकतवर धनुषों में कोदंड की भी गिनती होती है.विजय और गांडीव भी अपराजेय धनुष कहलाते हैं.
नोट- यहां दी गई जानकारी साधारण मान्यताओं पर आधारित है. इसमें किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं है.