Healthy Heart Tips: हम सभी जानते हैं कि हृदय (Heart) हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है, लेकिन दिल अकेले काम नहीं करता. शरीर के कई अंग मिलकर इसकी सेहत को बनाए रखते हैं. किडनी, लिवर, हार्मोन और पेट की चर्बी का दिल से गहरा नाता है. अगर इनमें से किसी पर भी असर पड़ता है, तो इसका सीधा बोझ दिल पर आता है. ऐसे में सिर्फ दिल ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े इन अंगों का ख्याल रखना भी जरूरी है.
Healthy Heart के लिए जरूरी है इन अंगों का ख्याल रखना
1. Belly Fat Heart Risk: पेट की चर्बी से दिल को पहुंचता है नुकसान
आज के समय में मेटाबॉलिक डिज़ीज (Metabolic Disease) बहुत आम हो गई है. अधिकतर लोगों के पेट के नीचे चर्बी जमा हो जाती है, जिसे विसरल फैट (Visceral Fat) कहा जाता है. यह चर्बी सिर्फ मोटापे तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर, फैटी लिवर और हार्ट डिज़ीज़ का खतरा भी बढ़ा देती है.

शोध बताते हैं कि पेट की चर्बी खून की नलियों को नुकसान पहुंचाती है और दिल तक ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने की प्रक्रिया को बाधित करती है. यही कारण है कि मोटापा सीधे हृदय रोग से जुड़ा हुआ है.
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2. Heart and Kidney Connection: किडनी और दिल का है स्पेशल बॉन्ड

किडनी हमारे ब्लड प्रेशर और सॉल्ट बैलेंस को कंट्रोल करती है. जब किडनी सही ढंग से काम नहीं करती तो शरीर में हार्मोनल गड़बड़ी होने लगती है. इससे ब्लड प्रेशर अस्थिर हो जाता है और उसका असर सीधे दिल पर पड़ता है.
लंबे समय तक किडनी की कार्यक्षमता कम होने से दिल पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है, जिससे हार्ट अटैक या हृदय विफलता (Heart Failure) का खतरा कई गुना तक बढ़ सकता है.
3. Heart and Liver Health: दिल का सबसे करीबी है लिवर

लिवर को शरीर का मेटाबॉलिज़्म सेंटर कहा जाता है. यह शरीर की सफाई, पाचन, पोषण का वितरण और हार्मोनल बैलेंस जैसे 500 से भी ज्यादा काम करता है. जब लिवर फैटी हो जाता है, तो खून की गुणवत्ता और लिपिड लेवल बिगड़ने लगते हैं. इससे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ जाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर घट जाता है.
ऐसे में दिल की धमनियों पर दबाव पड़ता है और हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है.
4. Hormones and Heart Health: हार्मोन बढ़ाते हैं दिल की धड़कन

दिल पर सिर्फ अंगों का नहीं, बल्कि हार्मोन्स का भी गहरा असर होता है. ये हार्मोन एंडोक्राइन सिस्टम (Endocrine System – यह ग्रंथियों का नेटवर्क है, जो हार्मोन बनाता है और शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है) से निकलते हैं. हार्मोन दिल की कार्यक्षमता को नियंत्रित करते हैं.
उदाहरण के लिए, हाइपरथायरॉयडिज़्म (Hyperthyroidism) होने पर दिल की धड़कन तेज हो सकती है और पंपिंग क्षमता घट सकती है. वहीं डायबिटीज़ से ग्रस्त रोगियों में समय के साथ हृदय रोग का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है.
दिल की सेहत बनाए रखने के लिए सिर्फ हृदय पर ध्यान देना काफी नहीं है, बल्कि उससे जुड़े अन्य अंगों – जैसे पेट, किडनी, लिवर और हार्मोनल सिस्टम – की देखभाल करना भी उतना ही जरूरी है.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

