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स्लीप एपनिया और खर्राटों की छुट्टी, बस कर लें ये एक काम, साइंस ने कर दिया प्रूफ

Good Sleep Tips: खर्राटों और स्लीप एपनिया का आसान इलाज प्राचीन भारतीय परंपरा में छिपा है. जयपुर के इटरनल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने शोध में पाया कि नियमित शंख वादन से न केवल खर्राटों में कमी आती है, बल्कि स्लीप एपनिया के मरीजों को महंगी सीपीएपी मशीन की जरूरत भी कम हो सकती है.

Good Sleep Tips: खर्राटे और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) जैसे नींद से जुड़ी गंभीर समस्या का एक आसान और सुलभ इलाज प्राचीन भारतीय परंपरा में छिपा हो सकता है. जयपुर के इटरनल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने वैज्ञानिक अध्ययन में पाया कि नियमित शंख वादन से न केवल खर्राटों में कमी आती है, बल्कि ओएसए के कई मामलों में ब्रीदिंग मशीन (सीपीएपी) की आवश्यकता भी खत्म हो सकती है.

11 अगस्त को यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल ओपन रिसर्च में हुआ प्रकाशित

पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ केके शर्मा और प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी एंड मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ राजीव गुप्ता के नेतृत्व में किया गया यह शोध 11 अगस्त को यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल ओपन रिसर्च में प्रकाशित हुआ. दुनिया में इस विषय पर यह पहला रैंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल है.

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शंख बजाना फेफड़ों की क्षमता, मानसिक एकाग्रता में करता है सुधार

आयुर्वेद में शंख बजाना फेफड़ों की क्षमता, मानसिक एकाग्रता और समग्रम स्वास्थ्य सुधार का साधन माना गया है. यह तकनीक महंगी मशीनों का विकल्प बन सकती है, खासकर उन मरीजों के लिए जो लंबे समय तक सीपीएपी का उपयोग नहीं कर पाते. फिलहाल, केजीएमयू लखनऊ में एक और अध्ययन चल रहा है, जो बतायेगा कि शंख वादन से गले और श्वसन मांसपेशियों में किस प्रकार के बदलाव आते हैं.

कैसे किया गया यह अध्ययन

शोध में मध्यम स्तर के ओएसए वाले 30 मरीजों को दो समूहों में बांटा गया. पहले समूह (14 मरीज) को दिन में दो बार 15 मिनट के लिए शंख बजाने का प्रशिक्षण दिया गया, जबकि दूसरे समूह (16 मरीज) को गहरी सांस लेने के व्यायाम करवाये गये. छह महीने बाद, शंख समूह में तंद्रा में 34% कमी और नींद की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज हुआ.

मजबूत होती हैं ग्रसनी और जीभ की मांसपेशियां

शंख बजाने से ग्रसनी, जीभ और अन्य श्वसन मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे वायुमार्ग खुला रहता है और खर्राटों वस्लीप एपनिया की संभावना घटती है. 2018 में भी डॉ गुप्ता की टीम ने आरयूएचएस जर्नल ऑफ हेल्थ साइंसेज में यह अवधारणा रखी थी कि शंख वादन अन्य वायु वाद्य यंत्रों की तरह स्वास्थ्य लाभ दे सकता है.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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