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शांति की तलाश में? गीता है उत्तर

Gita Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता धर्म के साथ जीवन का सार भी बताती है. गीता बताती है कि व्यक्ति को कुछ परिस्थितियों में शांत रहने की जरूरत होती है. व्यक्ति को ऐसी स्थिति में अपने मन को शांत रखना चाहिए.

Gita Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता जीवन के संघर्षों में मार्ग दिखाने वाला एक दिव्य ग्रंथ है. जब व्यक्ति भ्रम, डर और तनाव से घिरता है, तब गीता उसे आत्मिक शांति, कर्तव्य और संयम का पाठ सिखाती है. यह बताती है कि बिना अपेक्षा के कर्म करना ही सच्चा धर्म है. मोह, लोभ और अहंकार से ऊपर उठकर आत्मा की उन्नति संभव है. आज की व्यस्त और तनावपूर्ण दुनिया में गीता आत्मचिंतन और ईश्वर में विश्वास की प्रेरणा देती है. जो व्यक्ति गीता के उपदेशों को अपने जीवन में उतारता है, वह हर मुश्किल परिस्थितियों से पार पाने में सक्षम बन जाता है. यह ग्रंथ धर्म के साथ जीवन का सार भी बताती है. गीता बताती है कि व्यक्ति को कुछ परिस्थितियों में शांत रहने की जरूरत होती है. व्यक्ति को ऐसी स्थिति में अपने मन को शांत रखना चाहिए. दरअसल, भगवद्गीता का मूल उद्देश्य ही है मन की स्थिरता और आत्मिक शांति बनाए रखना.

वियोग हो या दुःख मिले

न त्वेवाहं जातु नासं न त्वं नेमे जनाधिपाः।
न चैव न भविष्यामः सर्वे वयमतः परम्॥

इस श्लोक का अर्थ है कि हम न कभी नष्ट हुए थे, न होंगे. आत्मा अमर है. मृत्यु शरीर की होती है, आत्मा की नहीं. ऐसे में वियोग हो या किसी भी प्रकार का दुख मिले तो व्यक्ति को मन की स्थिरता और आत्मिक शांति बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए.

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निर्णय या संकट के समय

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः॥

इस श्लोक के जरिए भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि सब धर्मों को छोड़कर केवल मेरी शरण में आ जाओ, मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्त कर दूंगा, इसलिए शोक मत करो. गीता उपदेश में बताया गया है कि जब जीवन में कोई निर्णय कठिन हो या संकट हो, तो भगवान में विश्वास रखो, भय या चिंता में नहीं बहो. बस अपने शांत चित्त से निर्णय लो.

सफलता और असफलता में

सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि॥

श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि सुख-दुःख, लाभ-हानि, और जीत-हार को समान समझ कर कर्म करो. ऐसा करने से मन शांत रहता है और तुम अपने कर्तव्य से विमुख नहीं होते. इस श्लोक से यह हमें यह सीख मिलती है कि जब जीवन में सफलता मिले तो अहंकार में मत फंसो, और असफलता आए तो हताश मत हो दोनों में स्थिर और शांत रहो.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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