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मुख्य द्वार पर इस वजह से लगाए जाते हैं आम के पत्तों और गेंदे के फूलों का तोरण, जानें इसके वैज्ञानिक कारण

पर्व-त्योहार में गेंदे के फूल और आम के पत्तों का तोरण बना कर मुख्य द्वार पर लगाने का रिवाज है. गेंदे और आम के पत्तों के तोरण लगाने के धार्मिक महत्व तो हैं ही साथ ही तोरण में गेंदे और आम के पत्तों का इस्तेमाल करने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मुख्य द्वार पर तोरण किसी शुभ अवसर पर लगाना शुभ माना जाता है. असल में, इसे लगाने के पीछे धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों महत्व होते हैं. आगे जानें…

तोरण लगाने का महत्व

मुख्य द्वार पर लगाये जाने वाले तोरण को बंदनवार के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसे घर के मेन गेट पर लगाने से सुख-संपन्नता आती है. इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है. तोरण को घर पर किसी भी शुभ अवसर पर लगाया जाता है. इसे खासतौर पर बच्चे के जन्म, शादी, गृह-प्रवेश, मेहमानों के स्वागत या कोई विशेष पूजा के अवसर पर घर के मुख्य द्वार और खिड़कियों पर लगाया जाता है.

ऐसी मान्यता है कि इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. तनाव व लड़ाई-झगड़े दूर हो घर में खुशहाली भरा माहौल बनता है. साथ ही कारोबार, नौकरी से जुड़ी परेशानियों का अंत हो जीवन में हर कार्य में सफलता मिलती है. तोरण को गेंदे के फूल, आम के पत्तों से तैयार किया जाता है.

तोरण लगाने के पीछे हैं धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व

गेंदे के फूलों से बने तोरण : धार्मिक महत्व की बात करें तो गेंदे के फूल को सूर्य देवता प्रतीक माना गया है. गुलाब, चंपा, चमेली जैसे बहुत से फूलों के बीच भी गेंदे को इन सब में सबसे शुभ माना जाता है. संस्कृत भाषा में इसे स्थूलपुष्प कहा गया है. इसे शुद्धता का प्रतीक माना जाता है इसलिए देवी-देवताओं की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इसका संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है. ऐसे में इससे तैयार तोरण को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. घर में सुख-समृद्धि व शांति का माहौल स्थापित होता है. वहीं वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो गेंदे के फूलों का इस्तेमाल तोरण में करने के पीछे का वैज्ञानिक महत्व यह है कि इसे लगाने से वातावरण शांत होता है. इसकी खुशबू से मन शांत हो तनाव कम होने में मदद मिलती है. साथ ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा कम रहता है. गेंदे में एंटी-सेप्टिक गुण होने से कीट-मच्छरों से छुटकारा भी मिलता है.

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आम के पत्ते से बने तोरण का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य में आम के पत्तों को इस्तेमाल किया जाता है. इसे कलश नारियल रखने से पहले रखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि आम की पत्तियां भगवान के अंग और नारियल उनके सिर को दर्शाता है. इससे तैयार तोरण को घर पर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक में बदल जाती है. साथ ही सारे काम बिना किसी परेशानी के आसानी से पूरे हो जाते हैं. आम के पत्तों के पीछे के वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो इसमें एंटी-सेप्टिक गुण होने से इससे तैयार तोरण घर पर लटकाना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. आम की पत्तियां कार्बन डाइऑक्साइड को अच्छे से अवशोषित करने का काम करती हैं. ऐसे में सही और शुद्ध वातावरण मिलता है.

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