26.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

कोलकाता, बेंगलुरु, मुंबई समेत 8 शहरों में वायु प्रदूषण से एक लाख लोगों की असमय मौत : अध्ययन

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि स्वास्थ्य के लिए सीधे तौर पर हानिकारक नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (एनओ2) के स्तर में 14 प्रतिशत तक और पीएम-2.5 के स्तर में आठ प्रतिशत तक की सालाना वृद्धि हुई.

नयी दिल्ली: भारत के 8 शहरों में वायु प्रदूषण की वजह से अतिरिक्त एक लाख लोगों की असमय मौत हो गयी. एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है. अध्ययनमें कहा गया है कि भारत के आठ शहरों मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, सूरत, पुणे और अहमदाबाद में एक लाख अतिरिक्त लोगों की असमय मौत वर्ष 2005 से 2018 के बीच हुई है.

46 शहरों की वायु गुणवत्ता का विश्लेषण

वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने अफ्रीका, एशिया और पश्चिम एशिया के 46 शहरों की वायु गुणवत्ता का विश्लेषण किया और यह निष्कर्ष निकाला है. इस अनुसंधान पत्र को पिछले हफ्ते जर्नल साइंस एडवांस में प्रकाशित किया गया है, जो तेजी से खराब होती वायु गुणवत्ता को दिखाता है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वायु प्रदूषकों के संपर्क में आना स्वास्थ्य के लिए घातक है.

नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड 14 प्रतिशत तक बढ़ा

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि स्वास्थ्य के लिए सीधे तौर पर हानिकारक नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (एनओ2) के स्तर में 14 प्रतिशत तक और पीएम-2.5 के स्तर में आठ प्रतिशत तक की सालाना वृद्धि हुई. उन्होंने पाया कि अमोनिया के स्तर में 12 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है और 11 प्रतिशत पुन:प्रतिक्रिया करने वाले वाष्पशील कार्बनिक योगिक बढ़े हैं.

Also Read: सड़कों पर प्रदूषण फैला रहे फ्लाई ऐश लदे हाइवा को केंद्रीय मंत्री ने रोका,कोडरमा DC को कार्रवाई का निर्देश

रिसर्च में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ता शामिल

अनुसंधानकर्ताओं की टीम में अमेरिका स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे. उनका कहना है कि वायु की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट औद्योगिक और घरेलू स्रोतों जैसे सड़क परिवहन, कूड़ा जलाने, बड़े पैमाने पर चारकोल और लकड़ी का इस्तेमाल करने से हो रहा है.

वायु प्रदूषण के नये दौर में प्रवेश कर रहे हैं शहर

अनुसंधान पत्र के मुख्य लेखक और ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के कर्ण वोहरा ने कहा, ‘जमीन को साफ करने और कृषि अपशिष्ट को ठिकाने लगाने के लिए जैविक पदार्थों को जलाने का योगदान वायु प्रदूषण में सबसे अधिक है.’ बर्मिंघम विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र वोहरा ने कहा, ‘हमारे विश्लेषण से संकेत मिलता है कि हम इन शहरों में वायु प्रदूषण के नये दौर में प्रवेश कर रहे हैं…’

Also Read: Bihar News: सिवान के गंडक नदी में तैर रही मरी हुई हजारों मछलियां, प्रदूषण ने मछुआरों की भी बढ़ाई परेशानी

दक्षिण एशिया के शहरों में असमय मौत का आंकड़ा अधिक

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि 46 में से 40 शहरों की आबादी ने एनओ2 के प्रदूषण में और 46 में से 33 शहरों ने पीएम2.5 के स्तर में डेढ़ से चार गुना तक वृद्धि देखी. यह स्थिति बढ़ी हुई आबादी और वायु गुणवत्ता में कमी की वजह से आयी. अध्ययन में पाया गया कि वायु प्रदूषण से दक्षिण एशिया के शहरों में असमय मौत का आंकड़ा अधिक है.

भारत के पास गहन निगरानी नेटवर्क

अनुसंधान के मुताबिक, बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 24 हजार अतिरिक्त समयपूर्व मौतें वायु प्रदूषण से हुई, जबकि भारत के मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, सूरत, पुणे और अहमदाबाद में यह आंकड़ा करीब एक लाख रहा. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि भारत के पास गहन निगरानी नेटवर्क है, जिसका परिचालन स्थानीय और राष्ट्रीय अधिकारियों के साथ-साथ अनुसंधान संस्थानों द्वारा किया जाता है.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें