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Kidney Precaution: कम पानी पीने, ज्यादा नमक खाने या पेशाब रोकने की है आदत तो हो जाएं सावधान

दुनियाभर में किडनी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. देश में भी इसके मरीज कम नहीं है. इस बिमारी का इलाज तो संभव है लेकिन इसके विशेषज्ञ चिकित्सक कम है. और इसको लेकर जागरूकता की भी जरूरत हैं. कई मरीजों की मौत इस बिमारी के कारण हो रही है. उन्हें मालूम ही नहीं चल पाता कि कब उनकी दोनों किडनी खराब हो गयी.

दुनियाभर में किडनी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. देश में भी इसके मरीज कम नहीं है. इस बिमारी का इलाज तो संभव है लेकिन इसके विशेषज्ञ चिकित्सक कम है. और इसको लेकर जागरूकता की भी जरूरत हैं. कई मरीजों की मौत इस बिमारी के कारण हो रही है. उन्हें मालूम ही नहीं चल पाता कि कब उनकी दोनों किडनी खराब हो गयी. इस बिमारी का इलाज भी महंगा होना या डोनर नहीं मिल पाने के कारण भी मरीजों की लगातार मौत हो रही है.

आपको बता दें कि बिहार में किडनी रोग में डीएम की डिग्री प्राप्त सिर्फ 10 ही डॉक्टर हैं. जिसमें पटना के बाहर मुजफ्फरपुर में एक हैं और शेष सभी पटना में हैं. जबकी मरीजों से संख्या लाखों में हैं. ऐसा ही कुछ हाल है देशभर में.

इन कारणों से हो रही है किडनी फेल
डायबिटीज

डायबिटीज बढ़ने के कारण शरीर में सूजन जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं जो धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचाने लगते हैं. किडनी काम करना कम कर देता है. डायबिटीज या मधुमेह के कारण किडनी की समस्या होती है तो उसे डायाबिटिक किडनी डिजीज कहते हैं. इसलिए नियमित रूप से अपना शूगर चेक करवाते रहना चाहिए.

हाइपर टेंशन

हाइपर टेंशन या उच्च रक्तचाप के कारण रक्त शिराएं क्षतिग्रस्त और संकुचित हो जाती हैं. ऐसी स्थिति में किडनी शरीर से टॉक्सिन को पूरी तरह से निकाल नहीं पाता हैं. इसके कारण टॉक्सिन शरीर में जमा होता रहता है और कई सारी बीमारियों जैसे हृदय की बीमारी, हड्डियों और दौरे की बीमारी आदि भी जन्म ले लेती है. अत: 35 की उम्र के बाद लगातार बीपी चेक करवाते रहना चाहिए.

परिवार में किसी को है किडनी रोग तो हो जाएं सावधान

यह बीमारी जेनर के वजह से भी हो सकती है. अगर आपके पूर्वजों को भी यह बीमारी थी तो आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत हैं क्योंकि इसका लक्षण आपको भी कर सकता हैं प्रभावित.

कम पानी पीना

पानी कम पीने के कारण किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. आपको बता दें कि किडनी खून साफ करने का काम करती हैं. और बूरी चीजों को शरीर से अलग करके मल-मूत्र के द्वारा निकालने का काम करती है. पानी कम पिने से किडनी से टॉक्सिन छंट कर अलग नहीं हो पाएंगे और शरीर में जम जाएंगे. अत: दिन में 10-15 लीटर पानी पीना ही चाहिए.

अधिक नमक का सेवन

अगर आप अधिक या उपर से नमक लेने के आदी है तो किडनी बीमारी से हो सकते हैं ग्रसित. दरअसल अधिक नमक आपके शरीर में सोडियम बढ़ता है जिससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है. और बीपी बढ़ने से किडनी की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता हैं.

पेशाब रोकना

काम का प्रेशर हो या किसी और तरह का लेकिन यूरीन नहीं रोकना चाहिए. क्योंकि इस आदत का खामियाजा आपको भुगतना पड़ सकता हैं आपके पत्थरी या कीडनी खराब होने से. क्योंकि शरीर से कई तरह के टॉक्सिन इसी के जरीये निकलते हैं. अत: कभी पेशाब न रोका करें.

कम नींद लेना

नींद कम लेने से भी किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. किडनी की कोशिकाओं में पहुंचने वाली क्षति की नींद ही करती है. अत: इससे मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और किडनी दुरूस्त नहीं रहती.

धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन

धूम्रपान एवं तम्बाकू के सेवन से किडनी में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है जिससे उसकी कार्यक्षमता घट जाती है. इसलिए धूम्रपान करने से बचें.

किडनी रोग के ये हैं शुरुआती लक्षण

– शरीर में सूजन आना

– भूख कम लगना

– बार-बार उल्टी का एहसास होना

– शरीर में खून की कमी हो जाना

– पेशाब में अत्यधिक झाग आना

किडनी को स्वस्थ्य रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर इन आहारों का हमें नित्य सेवन करना चाहिए, जानें
गोभी

गोभी में फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जो कि फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान को रोकता हैं. इसमें पोटाशियम कम होने के कारण यह डायलिसिस के मरीज के लिए भी काफी फायदेमंद हैं.

बेरीस

इसमें मैंगनीज, विटामिन सी, फोलेट और फाइबरकाफी मात्रा में पाए जाते हैं जो कि किडनी को स्वस्थ रखते हैं.

मछली

मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होता है इसके अलावा इसमें बहुत मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है. जो किडनी के मरीजों के लिए लाभदायक है.

अंडे का सफेद भाग

इसमें बहुत मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. जो किडनी को स्वास्थ्य रखने में सहायक है.

सेब

An Apple in a day keeps Doctor away. अंग्रेजी का ये लाइन वाकई में सही है क्योंकि सेब में मौजूद फाइबर किडनी को साफ करने में मदद करते ही हैं साथ हार्ट प्रॉब्लम्स, कैंसर जैसी कई बीमारियों में कारगार है.

जैतून का तेल

इसमें मौजूद ओलेक एसिड और एंटी-इन्फ्लेमेटरी फैटी एसिड्स हमारे शरीर में ऑक्सीडेशन को कम करते हैं. जो किडनी के लिए काफी लाभदायक हैं.

लहसुन

लहसुन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट किडनी समेत कई बीमारियों में लाभदायक हैं.

लाल शिमला मिर्च

इसे खाने से शरीर में विटामिन ए, बी6 और सी, फोलिक एसिड और फाइबर भरपूर मात्रा में प्राप्त होता हैं.

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