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विद्या बालन जैसी सुपरस्टार पहली बार मेरी को-स्टार बनी तो शूटिंग में नर्वस था… प्रतीक गांधी ने जानिए क्यों कहा ऐसा

प्रतीक गांधी ने विद्या बालन संग काम करने पर बात की. उन्होंने कहा, अपने करियर में पहली बार मैं इतनी बड़ी स्टार के साथ काम कर रहा हूं, लेकिन उनका व्यवहार इतना सरल है. वह आपको बहुत सहज महसूस कराती है और हंसाती भी है.

विद्या बालन और प्रतीक गांधी स्टारर फिल्म दो और दो प्यार ने शुक्रवार को सिनेमाघरों में दस्तक दी है. यह फिल्म अभिनेता प्रतीक गांधी की पहली रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है. वह इस मूवी से जुड़ने की सबसे अहम वजह इसी बात को देते हैं और विद्या बालन का नाम लेना भी नहीं भूलते हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत….

इस फिल्म में आपके लिए सबसे ज़्यादा अपीलिंग क्या था?
एक रोमांटिक कॉमेडी में कास्ट करना ही मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी क्योंकि मेरी वेब सीरीज स्कैम में मेरी भूमिका बिल्कुल अलग थी और उस काम को देखने के बाद जब निर्माता निर्देशक को लगे कि आप रोमांटिक कॉमेडी फिल्म भी कर सकते हैं, तो यह बात आपको बहुत खुशी देती है.

विद्या जैसे सीनियर एक्टर के साथ इंटीमेट सीन करना कितना मुश्किल था, क्या आप नर्वस भी हुए थे ?
मुझे यह फिल्म ऑफर हुई तो मैंने सोचा कि मैं उनके साथ कैसे काम करूंगा. अपने कैरियर में पहली बार मैं इतनी बड़ी स्टार के साथ काम कर रहा हूं, लेकिन उनका व्यवहार इतना सरल है. वह आपको बहुत सहज महसूस कराती है और हंसाती भी है. उन्होंने मुझे इतना सहज बना दिया कि मुझे उनके साथ काम करने में कोई परेशानी नहीं हुई. फिल्म में हम एक विवाहित जोड़े की भूमिका निभाते हैं, जो 13 वर्षों से एक साथ हैं. उनके बीच एक बहुत कम्फर्ट है. शारीरिक निकटता भी है, ताकि एक वास्तविक जोड़े की तरह दिखें. इसका सारा श्रेय विद्या को जाता है. उन्होंने मुझे कम्फर्ट करवाया. उन्होंने मेरी सीरीज स्कैम देखी थी.

धोखा भी फिल्म में आप अपने पार्टनर को दे रहे हैं, आप इसके बारे में क्या सोचते हैं?
ऐसा बहुत सारी शादियों में इन दिनों हो रहा है. मैं उनके साथ सहानुभूति रख सकता हूं. ये सकता हूं, यह आसान नहीं होता है. धोखा देना आसान नहीं है. खुला रिश्ता एक मानसिक स्थिति है और परेशानी का कारण बन सकता है. इसे तोड़ना होगा.

निजी जिंदगी में आपकी पत्नी और आप दोनों अभिनेता हैं, कैसे एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं क्या कभी असुरक्षा की भावना भी आती है
हम थिएटर से एक दूसरे से जुड़े हैं. हम एक ही पेशे में हैं इसलिए हम पेशे को समझते हैं. हम अच्छे दोस्त भी हैं, एक-दूसरे की आलोचना करते हैं. हम एक-दूसरे को गाइड भी करते हैं इसलिए हमारी दोस्ती अब और अधिक गहरी है. जहां तक असुरक्षा की बात है. असुरक्षा कभी पैदा नहीं हुई और ना ही हो सकती है, क्योंकि आज मैं जो कुछ भी हूं. उसी की वजह से हूं. मेरी सफलता में उनका बहुत बड़ा हाथ है, जब मैंने शुरुआत की थी, तब से वह मेरे साथ है. मैं लंबे समय से थिएटर कर रहा हूं.जिस वजह से मैं उसके साथ समय नहीं बिता पाता था क्योंकि मैं और रिहर्सल में व्यस्त था. वीकेंड में मेरे थिएटर के शो होते थे,लेकिन वह मुझसे शिकायत नहीं करती थी, बल्कि हमेशा मुझे सपोर्ट करती थी. अगर उसने उस वक्त यह सब बलिदान नहीं दिया होता तो मैं आज यहां नहीं होता.

आपका परिवार क्या आपके और आपकी पत्नी के अभिनय में करियर से खुश हैं ?
मेरी पत्नी शादी के पहले से ही थिएटर कर रही थी. वह और भी अधिक रूढ़िवादी पृष्ठभूमि से आती है. वह मारवाड़ी परिवार से हैं. उसने पहले से ही अपनी योजनाएं बना ली थीं. मैं या मेरा परिवार अनुमति देने वाला कौन होता हूं, हर किसी को वही करना चाहिए जो उसे करना पसंद है. मैं गुजरात के पास कलोद नामक एक छोटी सी जगह से आता हूं. मेरी मां, पिताजी, चाचा और चाची सभी शिक्षक हैं. मेरे घर में कोई भी महिला हाउस वाइफ नहीं है, वे सभी पेशेवर शिक्षक हैं. मैं अपने घर में समानता को देखते हुए बड़ा हुआ हूं. हर कोई संगीतकार और कलाकार है. हम सभी को हमारे घर में बताया गया था कि कला को आपके जीवन का एक हिस्सा होना चाहिए चाहे आप इससे कमाएं या नहीं, लेकिन कला को आपके जीवन का एक हिस्सा होना चाहिए. मैंने तबला बजाना अपने चाचा और पिता से सीखा. मेरे पिता एक भरतनाट्यम नर्तक हैं और मेरा भाई भी एक नर्तक है. जब मैंने पहली बार मंच पर प्रस्तुति दी तब मैं चौथी कक्षा में था.

इन दिनों शादियों में तलाक बहुत हो रहे हैं, आप अपनी शादीशुदा जिंदगी की सफलता का श्रेय किस बात को देंगे?
किसी भी रिश्ते का प्राथमिक आधार प्यार है. आपको इसे कई तरह से एक्सप्रेस करना होगा. एक एक्टर के लिए यह आसान नहीं होता है क्योंकि शूटिंग और टूर में बहुत व्यस्त रहता हूं, इसलिए मैं इसे अलग-अलग तरीकों से व्यक्त करता हूं. अगर मैं उन्हें अपने साथ ले जा सकता हूं तो मैं उन्हें भी अपने साथ ले जाने की कोशिश करता हूं ताकि हम कुछ समय साथ बिता सकें. अब मेरी बेटी भी बड़ी हो गई है, दस साल की हो गई है. वह मुझसे समय मांगती है,तो मैं सबकुछ बैलेंस करने की कोशिश करता हूं.

क्या वह समझती है कि अब आप स्टार हैं?
मैं पिछले 16 सालों से काम कर रहा हूं, लेकिन कोविड के समय में स्कैम के रिलीज होने के बाद, मैं अंधेरी ईस्ट के चारकोप में रहता था और सब्जियां खरीदने गया था. मुझे याद है लोगों ने मेरी तरफ देखना शुरू कर दिया. उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने स्कैम देखी है और मेरे साथ तस्वीरें खिंचवाने लगे. बाद जब भी मैं बाहर गया तो लोग मुझे पहचानने लगे, तस्वीरें लेने लगे और इंटरव्यू लेने लगे, तभी मेरी बेटी ने कहा था कि पापा आप काफी समय से स्टेज और फिल्मों में काम कर रहे हैं, अब वे आपके इंटरव्यू और तस्वीरें क्यों ले रहे हैं. उसके इस सवाल से मैं आश्चर्यचकित था और मुझे उसे बताना पड़ा कि मेरी वेब सीरीज बहुत बड़ी हिट हुई है. वह समझती है कि मेरे काम की सराहना हो रही है और इसीलिए चारों ओर इतनी चर्चा है.

गांधीजी फिल्म की क्या स्थिति है?
हमने दो और दो प्यार की शूटिंग शुरू कर दी है, मुझे नहीं पता कि मैं क्या नया किरदार में लाऊंगा लेकिन मेरी कोशिश बिना किसी जजमेंट के गांधी के करीब जाने की है. मैं उन्हें खलनायक या नायक बनाने की कोशिश नहीं कर रहा हूं या मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वह पैदाइशी महात्मा थे. हम उन्हें और उनके कामों को दिखा रहे हैं. मैं उनकी शिक्षाओं से प्रभावित हूं.

प्रस्तुति- उर्मिला कोरी

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