कांतारा: चैप्टर 1 मूवी रिव्यू
रेटिंग- 4 स्टार
Kantara: Chapter 1 Review: ऋषभ शेट्टी की कांतारा: चैप्टर 1 फाइनली थिएटर्स में रिलीज हो गई है. फिल्म का हर एक सीन सिनेमा लवर्स को एक जादुई दुनिया में लेकर जाता है. यह एक ऐसी फिल्म है, जो आपको पूरी तरह अपने दुनिया और कहानी में डुबो देती है. यह सच में दर्शकों को उस युग में ले जाती है, जहां अलग-अलग दुनिया आपस में टकराती हैं. यह विजुअल्स के लिहाज से रोमांचक अनुभव है. हर पल, फिल्म कुछ नया पेश करती है. बैकग्राउंड म्यूजिक (BGM) शुरुआत से अंत तक आइकॉनिक है, हर जगह बिल्कुल सही है, और यह आपको जबरदस्त रोमांच महसूस कराता है.
कांतारा चैप्टर 1 का रिव्यू आया सामने
मेकर्स ने ट्रेलर में कुछ भी खुलासा न करके कमाल कर दिया, इसलिए तो फिल्म पूरी तरह अलग लेवल पर है. कहानी की डिटेलिंग और गहराई देखकर आप हैरान रह जाएंगे. दूसरी इंस्टॉलमेंट के हिसाब से, यह ग्रैंडर लेवल में किसी भी फिल्म से आगे निकल जाती है. मूवी लगातार दिलचस्प बनती रहती है, खासकर सेकंड हाफ में, जो आपको लगातार चौंकाती रहेगी. इंटरवल का समय भी बिल्कुल सही है. वहीं, जानवरों के साथ दिखाए गए सीक्वेंस तकनीकी नजरिए से कमाल के हैं. VFX हॉलीवुड के लेवल के हैं.
मास्टर क्लास है कंतारा चैप्टर 1
अगर हम कांतारा को 10/10 दें, तो कांतारा: चैप्टर 1 है 100/10. यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे हर किसी को बड़े पर्दे पर जरूर देखना चाहिए. फिल्म किसी भी मोड़ पर कमजोर नहीं पड़ती. जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, यह और भी ज्यादा मज़ेदार और रोमांचक बनती जाती है. होम्बले फिल्म्स ने फिर से कमाल कर दिया है. KGF 1, KGF 2, कांतारा, सालार और महावीर नरसिम्हा जैसी ब्लॉकबस्टर्स देने के बाद, मेकर्स ने इस मास्टरपीस को पेश करते हुए अपना स्टैंडर्ड और भी ऊँचा कर दिया है.
कंतारा चैप्टर 1 में ऋषभ शेट्टी ने भगवान जैसा रूप दिखाया है
ऋषभ शेट्टी ने सिर्फ एक्टिंग नहीं की है, बल्कि उन्होंने भगवान जैसा रूप दिखाया है. अगर कांतारा के लिए उन्हें नेशनल अवार्ड मिला, तो यह उससे भी आगे है. गुलशन देवैया ने कुलशेखर के रोल में अपनी मौजूदगी दिखाते हुए, किरदार में गहराई लाई है. वहीं, रुक्मिणी वसंत अपने अलग और नए किरदार में कमाल लग रही हैं. सच में, कहना गलत नहीं होगा कि मैंने ऋषभ में भगवान को देखा .यह एक दिल को छू लेने वाला सफर है, जो लोककथाओं, विश्वास और इंसानी भावनाओं की दुनिया में ले जाती है. फिल्म अपने हर हिस्से को खूबसूरती से जोड़ती है, जिससे कहानी और भी मजेदार बन जाती है. यही “वाह” फीलिंग है, जो दर्शक फिल्म देखते समय महसूस करेंगे. रथ से भागने वाला सीन दिखाता है कि फिल्म कितनी बड़ी और शानदार तरीके से बनाई गई है. क्लाइमैक्स भावनाओं को बहुत गहराई से छूता है और रोंगटे खड़े कर देता है. यह आपके हैरान करने के साथ सोचने पर मजबूर कर देगा. सच मानिए यह फिल्म एक अनुभव है, जिसे आप जीवन भर अपने साथ महसूस करेंगे, तो बस जाइए और कांतारा: चैप्टर 1 .

