Jolly LLB 3 Controversy: अक्षय कुमार और अरशद वारसी स्टारर आगामी फिल्म ‘जॉली एलएलबी 3’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है. बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग के बाद अब दिल्ली के वकील भी विरोध में उतर आए हैं. आइए बताते पूरा मामला.
वकील ए.पी. सिंह का बयान
VIDEO | Livid with the way advocates are portrayed in the movie Jolly LLB 3, advocate AP Singh demands banning of the movie by saying it is demeaning the profession.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 26, 2025
He says, "The advocates from all across the world are protesting against Jolly LLB 3. This is a joke on… pic.twitter.com/1TBalRVbYE
चर्चित वकील ए.पी. सिंह ने मंगलवार को बयान देते हुए फिल्म को वकीलों और न्यायपालिका का अपमान बताया. उन्होंने कहा, “हम वकील हैं, कॉमेडियन नहीं. वकालत दुनिया का सबसे पवित्र पेशा है और यह फिल्म हमारे काम को हास्यास्पद बना रही है. अगर जनता वकीलों को जोकर की तरह देखने लगेगी, तो न्याय प्रणाली का सम्मान कौन करेगा?”
पुणे से शुरू हुआ विवाद
इस बवाल की शुरुआत पुणे से हुई थी, जब एक स्थानीय वकील ने फिल्म के ट्रेलर को आधार बनाकर जनहित याचिका (PIL) दायर की. याचिका में आरोप लगाया गया कि ट्रेलर वकीलों और जजों की छवि खराब करता है. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए पुणे की अदालत ने अक्षय कुमार, अरशद वारसी और निर्देशक सुभाष कपूर को समन भेजा.
आलोचक वर्सेज वकील
जहां बार एसोसिएशन्स सेंसर बोर्ड से फिल्म पर कार्रवाई की मांग कर रही हैं, वहीं आलोचक इन याचिकाओं को “फ्रिवलस लिटिगेशन” मानते हैं. उनका तर्क है कि देश की अदालतों में पहले से ही 4 करोड़ से अधिक केस लंबित हैं और ऐसे में किसी फिल्म के ट्रेलर पर मुकदमा अदालत के समय की बर्बादी है.
फिलहाल मामला अक्टूबर में फिर से अदालत में उठेगा. लेकिन इतना तय है कि ‘जॉली एलएलबी 3’ रिलीज से पहले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और न्यायपालिका की गरिमा के बीच बड़ा विवाद बन चुकी है.

