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”अंदाज अपना अपना” के सेट पर हमेशा लतीफा सुनाया करते थे : आमिर खान

फिल्म ‘खट्टा मीठा’ और ‘अंगूर’ में अपनी बेहतरीन हास्य भूमिकाओं के लिए पहचाने जाने वाले वरिष्ठ अभिनेता-फिल्मकार देवेन वर्मा का हृदयाघात के बाद निधन हो गया. वह 78 वर्ष के थे. वर्मा ने अभिनय में अपने करियर की शुरुआत एक मंच कलाकार के तौर पर की थी. वर्ष 1961 में आई यश चोपडा की फिल्म […]

फिल्म ‘खट्टा मीठा’ और ‘अंगूर’ में अपनी बेहतरीन हास्य भूमिकाओं के लिए पहचाने जाने वाले वरिष्ठ अभिनेता-फिल्मकार देवेन वर्मा का हृदयाघात के बाद निधन हो गया. वह 78 वर्ष के थे. वर्मा ने अभिनय में अपने करियर की शुरुआत एक मंच कलाकार के तौर पर की थी. वर्ष 1961 में आई यश चोपडा की फिल्म ‘धर्मपुत्र’ में एक सहायक भूमिका के जरिए बॉलीवुड में कदम रखा. हालांकि यह फिल्म कुछ खास कर नहीं पायी. वर्ष 1982 में आयी गुलजार की फिल्म ‘अंगूर’ में वर्मा ने बहादुर की दोहरी भूमिका निभाई थी, जिसे हिंदी सिनेमा की सबसे पसंदीदा हास्य भूमिकाओं में से एक माना जाता है.

वे एक ऐसे हास्‍य अभिनेता थे जिन्‍होंने कॉमेडी के नाम पर कभी फूहड़ इशारों और अश्‍लील संवादों का सहारा नहीं लिया. उन्‍होंने अपने चुटकुले और अपने अजीबो-गरीब संवादों से दर्शकों को खूब हंसाया. इसी कारण वे दर्शकों के दिलों में बसे रहे. यश चोपड़ा, ऋषिकेश मुखर्जी, इस्माइल श्राफ, बासु चटर्जी और गुलजार जैसे फिल्मकार उनके लिए अलग तौर की हास्य भूमिकाएं लिखते थे और इन चुनौतियों को स्वीकार कर देवेन इन्हें हमेशा अपने अलग अंदाज़ में अंजाम देते थे.

वर्ष 1975 में आई फिल्म ‘चोरी मेरा काम’में वर्मा के अभिनय ने उन्हें शोहरत दिलाई. इस फिल्म ने उन्हें उनका पहला ‘फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट कॉमेडियन’ दिलाया. वर्मा ने ‘चोर के घर चोर’, संजीव कुमार अभिनीत ‘अंगूर’, ‘गोलमाल’, ‘खट्टा मीठा’, ‘नास्तिक’, ‘रंग बिरंगी’, ‘दिल’, ‘जुदाई’, ‘अंदाज अपना अपना’ और ‘दिल तो पागल है’ जैसी यादगार फिल्मों में काम किया.

देवेनवर्माने अशोक कुमार के साथ कई फिल्‍में की थीं. वे अक्‍सर उनके घर जाया करते थे. इस दौरान उनकी मुलाकात हुई अशोक कुमार की बेटी रुपा गांगुली से. देवेन ने अशोक कुमार के सामने रुपा से शादी का प्रस्‍ताव रखा. आखिरकार दोनों की शादी हो गई. वर्ष 1969 में फिल्म ‘यकीन’ के साथ ही वह फिल्म निर्माता भी बन गए थे. दो वर्ष बाद उन्होंने ‘नादान’ के जरिए निर्देशन में हाथ आजमाया. उन्होंने वर्ष 1978 में अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म ‘बेशर्म’ का निर्माण और निर्देशन किया.उन्होंने मराठी और भोजपुरी फिल्मों में भी अभिनय किया था.

सिद्धांतों के पक्के माने जाने वाले वर्मा ने लगातार ऐसी भूमिकाएं करने से इंकार किया, जिनमें विक्लांगों या शारीरिक तौर पर निशक्त लोगों का मजाक बनाना चरित्र की मांग थी. अपने सिद्धांतों के दम पर उन्होंने फिल्म उद्योग में सम्मान हासिल किया. ‘मेरे यार की शादी है’ और ‘कलकत्ता मेल’ के बाद वे फिल्मों से दूर हो गए थे. अभिनेता आमिर खान ने फिल्‍म वर्ष 1995 में रिलीज हुई फिल्‍म ‘अंदाज अपना अपना’ में देवेन के साथ काम किया था.

आमिर का कहना है कि ,’ वो एक बेहतरीन को-स्‍टार थे. मुझे याद है कि जब भी वे ‘अंदाज अपना अपना’ के सेट पर आते थे, उनके चेहरे पर हमेशा मुस्‍कुराहट होती थी. हमेशा उनकी जुबान पर जोक्‍स होते थे जिसे वे सुनाया करते थे.’ राजकुमार संतोषी की फिल्‍म ‘अंदाज अपना अपना’ में अ‍ामिर खान, सलमान खान, करिश्‍मा कपूर और रवीना टंडन मुख्‍य भूमिकाओं में थे.

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