नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने दीपिका पादुकोण अभिनीत ‘छपाक’ के निर्माताओं के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चलाने के अनुरोध वाली एक वकील की याचिका पर सुनवाई से यह कहकर खुद को अलग कर लिया कि वह याचिकाकर्ता वकील के साथ काम कर चुके हैं. वकील अपर्णा भट ने यह याचिका दायर की है.
भट ने तेजाब हमला पीड़ित लक्ष्मी अग्रवाल का भी प्रतिनिधित्व किया है, जिनके जीवन पर यह फिल्म बनी है. भट्ट ने अपनी याचिका में कहा कि फिल्मकारों ने उच्च न्यायालय के 11 जनवरी के आदेश का उल्लंघन किया है जिसमें अदालत ने कहा था कि भट द्वारा दी गई जानकारी के लिए उन्हें श्रेय मिलना चाहिए.
न्यायमूर्ति ए के चावला ने कहा कि वकील रहने के दौरान वह और वकील भट साथ काम कर चुके हैं और इसलिए वह इस मामले में सुनवाई नहीं करेंगे. उन्होंने रजिस्ट्री को मामला 27 जनवरी को अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने 11 जनवरी को फिल्म की निर्देशक मेघना गुलजार और निर्माता फॉक्स स्टार स्टूडियोज को निर्देश दिया था कि वे फिल्म के शुरुआती क्रेडिट में यह लिखकर भट को मान्यता दें कि ‘‘लक्ष्मी अग्रवाल का प्रतिनिधित्व करने वालीं वकील अपर्णा भट से मिली जानकारी को मान्यता दी जाती है”.
वकील ने दलील दी थी कि फिल्म को अदालत के निर्देश के अनुपालन के बिना प्रदर्शित किया गया इसलिए यह फिल्मकारों के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए.