दीपिका पादुकोण ने मंगलवार को अवसाद और मानसिक समस्याओं के मुद्दे पर कहा कि उन्हें इस समस्या का तब सामना करना पड़ा था जब वह पेशेवर रूप से काफी अच्छा कर रही थीं और एक अच्छे रिश्ते में भी थी इस बीमारी की बिल्कुल भी आशंका तक नहीं थी.
विश्व आर्थिक मंच 2020 में अदाकारा ने कहा कि लोग उनसे पूछते थे कि वह कैसी हैं और वह इसका झूठा जवाब ‘अच्छी हूं’ लंबे समय तक देती रहीं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसुस ने कहा कि मानसिक बीमारी का सामना कर रहे लोगों को न केवल सामाजिक उपहास का सामना करना पड़ता है बल्कि वह भेदभाव का भी सामना करते हैं. इसके अलावा इस समस्या से गुजर रहे लोगों के इलाज के लिए भी अच्छी व्यवस्था नहीं है.
As #wef20 gets underway, @deepikapadukone stresses the importance of addressing mental health issues when building a more sustainable and inclusive world.@TLLLFoundation
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— World Economic Forum (@wef) January 20, 2020
भारत में प्रत्येक 10 लाख पर सिर्फ तीन मनोचिकित्सक हैं. क्रिस्टल पुरस्कार से सम्मानित पादुकोण 2014 में क्लीनिकल डिप्रेशन का शिकार हुई थीं. इसके बाद उन्होंने मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के लिए लिव, लव, लाफ फाउंडेशन की स्थापना की थी. इस दौरान दीपिका ने अवसाद का शिकार होने से लेकर उससे उबरने की कहानी भी बयां की.