बॉलिवुड के महानायक अमिताभ बच्चन शुक्रवार देर रात अस्पताल से डिस्चार्ज हो गये. उन्हें रूटीन चेकअप के लिए मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती किया गया था. अमिताभ बच्चन को मंगलवार 15 अक्तूबर की सुबह तीन बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बच्चन के लीवर की समस्या से पीड़ित होने की खबरें चल रही हैं लेकिन सूत्रों ने दावा किया कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है. बच्चन 11 अक्तूबर को 77 वर्ष के हुए हैं.अमिताभ बच्चन को अस्पताल से लेने के लिए पत्नी जया बच्चन और बेटे अभिषेक बच्चन पहुंचे थे.
हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने ‘बहू’ का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा- ‘लोग अक्सर कहते हैं कि और ये है हमारी घर की बहू. ये नहीं कहते कि ये घर हमारी बहू का है.’
अस्पताल के एक सूत्र ने बताया, वह नियमित जांच के लिए मंगलवार को अस्पताल आये थे. लीवर समस्या तथा इस संबंध में चल रही अन्य खबरें सच नहीं हैं. वह तंदुरुस्त और जोश में हैं. परिवार ने निजता बरतने का अनुरोध किया है और हम उम्मीद करते हैं कि यह बरकरार रहेगी.
स्पॉटब्वॉय के अनुसार, अग्रणी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ बर्वे की देखरेख में अमिताभ बच्चन का इलाज चल रहा है. वे हमेशा से अमिताभ बच्चन के स्वास्थ्य की निगरानी करते रहे हैं. बताया जा रहा है कि उन्हें एक विशेष कमरे में रखा गया है.
Mumbai:Amitabh Bachchan leaves from Nanavati Hospital after being discharged from the hospital following a routine check up. pic.twitter.com/Np86xhcouY
— ANI (@ANI) October 18, 2019
बता दें कि, यह समस्या तब से है जब साल 1982 में उन्हें फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान चोट लगी थी. फाइट सीन के दौरान विलेन का घूंसा इतनी जोर से लगा कि वे मेज से जा टकराये. इससे उनके पेट में गहरी चोट लगी. चोट इतनी गहरी थी कि अमिताभ बच्चन की जिंदगी पर बन आई थी. उनके लीवर का 75 फीसदी हिस्सा खराब हो चुका है और वे 25 फीसदी लीवर के सहारे है और इसका कारण सिरोसिस है. दरअसल जब अमिताभ बच्चन को चोट लगी थी तब गलती से एक ऐसे डोनर का ब्लड उनके सिस्टम में पहुंच गया था जिसे हेपेटाइटिस बी वायरस था.
अभिनेता ने बताया था कि, मेरे शरीर में वायरस था जिसने 18 वर्षों तक मेरे लीवर को धीरे-धीरे नष्ट किया, इसके बाद मैंने इलाज शुरू किया और आज तक भी मैं दवाई ले रहा हूं. अगर आज मैं यहां खड़ा हूं तो आप ऐसे व्यक्ति को देख रहे हैं जिसका महज 25 प्रतिशत लीवर बचा है. यह काफी बुरी बात है.
अच्छी बात यह है कि आप 12 प्रतिशत लीवर के साथ भी जिंदा रह सकते हो, लेकिन कोई भी इस स्थिति में पहुंचना नहीं चाहेगा. साल 2005 में बच्चन की लीलावती अस्पताल में आंत संबंधी सर्जरी हुई थी.