नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि महानायक अमिताभ बच्चन को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार दिया जाना बॉलीवुड के दिग्गज को उपयुक्त सम्मान देना है. शाह ने कहा कि भारतीय सिनेमा में बच्चन के योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार इस दिग्गज को दिया जाने वाला उपयुक्त सम्मान है. ईश्वर करे आप अपने बहुमुखी अभिनय से भारतीय फिल्म जगत की सेवा करते रहें. आपको बहुत बधाई.’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी बच्चन को ट्विटर पर बधाई देते हुए कहा, ‘‘प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के लिये चुने जाने पर बहुत बधाई अमिताभ बच्चनजी. भारतीय सिनेमा में आपको महान योगदान के लिये महाराष्ट्र आपको सलाम करता है.’
वहीं राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी ट्वीट किया, ‘प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के लिये चुने जाने पर हार्दिक बधाई अमिताभ बच्चन जी. फिल्म उद्योग में आप का शानदार योगदान युवा कलाकारों के लिये प्रेरणास्रोत है.’
सिनेमा जगत में पांच दशक के अपने सफर बच्चन ने एक के बाद एक कई यादगार फिल्में की. उनकी लोकप्रियता का आलम है कि युवा पीढ़ी के निर्देशकों में भी वह चहेते कलाकार हैं. इन फिल्मकारों में कई उनकी फिल्में देखकर बड़े हुए हैं. बच्चन का जन्म 1942 में हिंदी के मशहूर कवि हरिवंशराय बच्चन और तेजी बच्चन के परिवार में हुआ. उन्होंने मृणाल सेन की ‘भुवन शोम’ में वॉइस ओवर कलाकार के तौर पर सिनेमा जगत में अपनी यात्रा शुरू की और ‘‘सात हिन्दुस्तानी’ से अभिनेता के तौर पर पदार्पण किया लेकिन फिल्म को सफलता नहीं मिली.
प्रकाश मेहरा की एक्शन फिल्म ‘जंजीर’ से फिल्म उद्योग में सफलता की नयी इबारत लिखने के पहले उन्होंने एक दर्जन फ्लॉप फिल्में दीं. बच्चन ने 1970 के दशक में ‘‘जंजीर’, ‘‘दीवार’ और ‘‘शोले’ जैसी फिल्मों के माध्यम से युवा पीढ़ी के गुस्से को अभिव्यक्ति दी और उन्हें ‘‘एंग्री यंग मैन’ कहा गया. ‘नमक हराम’, ‘मिस्टर नटवरलाल’ , ‘लावारिस’, ‘परवरिश’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘त्रिशूल’ और ‘काला पत्थर’ जैसे कई हिट फिल्में उनके खाते में है.
सिर्फ एंग्री यंग मैन वाली भूमिका ही नहीं ‘अभिमान’, ‘मिली’, ‘कभी-कभी’ और ‘सिलसिला’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अभिनय की नयी छटा बिखेरी. फिल्म ‘कुली’ (1983) की शूटिंग के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उसके बाद एक तरह से उनका पुनर्जन्म हुआ. नब्बे के दशक में बच्चन ने मुकुल एस आनंद की ‘अग्निपथ’ में विजय दीनानाथ चौहान का यादगार किरदार निभाया. फिल्म को भी सफलता मिली और उन्हें पहला राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला.
वर्ष 1996 में उन्होंने अपनी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन शुरू की. इसके बैनर तले उन्होंने ‘तेरे मेरे सपने’ रिलीज की लेकिन फिल्म को कामयाबी नहीं मिली. बच्चन भारी वित्तीय घाटे में आ गए और इससे उनके करियर भी असर पड़ा. वर्ष 2001 में यश चोपड़ा की ‘मोहब्बतें’ से फिर से वह बुरे दौरे से उबर गए. इस फिल्म में उनके साथ शाहरूख खान और ऐश्वर्या राय भी थीं. वह छोटे परदे पर ‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो लेकर आए. इस कार्यक्रम को दर्शकों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता मिली और आज भी वह इस कार्यक्रम का संचालन करते हैं.
बाद के दिनों में बच्चन ने अपनी उम्र के हिसाब से मेल खाने वाली फिल्में करनी शुरू की दीं.‘आंखें’, ‘बांगबां’, ‘‘खाकी’, ‘सरकार’ और ‘सरकार राज’ इसी तरह की फिल्में थी. ‘ब्लैक’, ‘पा’ और ‘पीकू’ के लिये अभिनेता को तीन और राष्ट्रीय पुरस्कार मिले. सरकार ने कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1984 में उन्हें पद्मश्री से , 2001 में पद्मभूषण से और 2015 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया.
बच्चन को सम्मान की घोषणा के साथ ही फिल्म जगत से लगातार बधाई संदेश आने लगे. प्रसिद्ध पार्श्व गायिका आशा भोसले ने ट्वीट किया, ‘‘दादासाहेब फाल्के अवार्ड जूरी सदस्य के नाते मैं इस विशिष्ट सम्मान के लिए अमिताभ बच्चन जी को बधाई देती हूं.’ अभिताभ के बेटे अभिषेक बच्चन ने कहा कि वह बहुत खुश हैं और उन्हें अपने पिता पर गर्व है. फिल्मकार करण जौहर ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी. अनिल कपूर ने कहा कि बच्चन ने हर भूमिका के साथ सिनेमा को फिर से परिभाषित किया. वह अपने अतुलनीय योगदान के लिए हर सम्मान के हकदार हैं .
‘पिंक’ और ‘बदला’ में उनके साथ काम कर चुकीं अदाकारा तापसी पन्नू ने कहा कि वह भारतीय सिनेमा से जुड़े सभी सम्मान के योग्य हैं। बच्चन के साथ फिल्में बना चुके फिल्मकार आर बाल्की ने कहा, ‘दादासाहेब फाल्के पुरस्कार जीतने के बाद अमिताभ बच्चन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले पहले व्यक्ति होंगे.’ ‘दंगल’ के निर्देशक नितेश तिवारी ने कहा कि यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में बच्चन के अपार योगदान का प्रमाण है.